काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी विवाद: ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की पूजा के अधिकार को जिला कोर्ट जाएं: सुप्रीम कोर्ट

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याचिकाकर्ता: हम  शिवलिंग की पूजा की अनुमति मांग रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट: जब निचली अदालत में सुनवाई लंबित है तो आप सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका कैसे दायर कर सकते हैं? सिविल केस की सुनवाई की एक प्रक्रिया होती है। बेहतर है आप याचिका वापस ले लें।

वकील हरिशंकर जैन: श्रद्धालु महिलाओं की तरफ से जैन ने शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग रखी।

जस्टिस चंद्रचूड़- आप अनुभवी वकील हैं। आप जानते हैं कि इस तरह सीधे सुनवाई नहीं हो सकती। यह बातें निचली अदालत में रखिए। जिसे जो भी कहना है, वाराणसी के जिला जज की कोर्ट में कहे।

हरिशंकर जैन: याचिका वापस लेने की अनुमति दे दीजिए, कोर्ट ने यह दे दी।

अक्तूबर के पहले हफ्ते में होगी आगे सुनवाई

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी विवाद की सुनवाई अक्तूबर के पहले हफ्ते तक के लिए टाल दी।  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह तब तक इंतजार करेगी कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका पर जिला कोर्ट क्या फैसला लेती है। कमेटी ने इस मामले की सुनवाई के औचित्य पर सवाल उठाया है। बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद यूपी के बनारस में बाबा विश्वनाथ मंदिर से सटी हुई है। इसे लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां मंदिर था, जिसे मुगलकाल में तोड़कर मस्जिद का रूप दिया गया।

-एजेंसी