मथुरा। श्रीकृष्ण-जन्मभूमि के मूल स्वरूप को पाने के संकल्प संग इस बार जन्माष्टमी महोत्सव का शुभारम्भ हो रहा है। साथ ही जन्मभूमि के मूल स्वरूप की प्राप्ति की प्रार्थना ही जन्माष्टमी का संकल्प किया गया है। भगवान श्रीकृष्ण की पुण्य जन्मभूमि पुनः अपने पुरातन मूल वैभव एवं स्वरूप को प्राप्त करे, इस संकल्प के साथ श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी महोत्सव का शुभारम्भ होगा।
ओरछा नरेश पुण्यात्मा श्रीमन्त वीर सिंह जी बुन्देला के द्वारा बनवाये गये भव्य-दिव्य व वैभवशाली श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के ध्वस्तीकरण के उपरान्त से ही करोड़ों श्रीकृष्ण भक्त पुनः भगवान कृष्ण की जन्मभूमि के मूल स्थान पर ऐसे ही भव्य और वैभवशाली मंदिर की निरन्तर कामना करते रहे हैं।
असंख्य कृष्ण भक्तों ने ऐसे दिव्य एवं वैभवशाली मंदिर के लिए निरन्तर त्याग, बलिदान एवं संघर्ष भी किये हैं, ऐसे महापुरूषों के संघर्ष, कामनायें एवं त्याग को प्रभु स्वीकार करें, श्रीकृष्ण-जन्मभूमि पुनः अपने मूल स्वरूप की प्राप्ति करे, ऐसी संकल्प कामना के साथ श्रीठाकुरजी के जन्म महोत्सव का शुभारम्भ होगा।
साथ ही इस वर्ष सनातन संस्कृति के सूचक ‘धर्म की ध्वजा’ भगवा का श्रीभागवत-भवन एवं जन्मभूमि प्रांगण में उपयोग प्रमुखता से किया जायेगा। 108 धर्म की पताकाऐं श्रीभागवत भवन के चारों ओर एवं श्रीकृष्ण-जन्मभूमि के प्रांगण में लगायी जायेंगी।
भागवत-भवन और लीलामंच पर भगवा तोरण लगाये गये हैं। जन्मस्थान परिसर में प्रवेश एक अनूठी अनिभूति करा रहा है। सनातनी हिन्दू संस्कृति के संवाहक भगवा ध्वजा देश-विदेश से जन्मभूमि पधारने वाले लाखों श्रद्धालुओं एवं प्रसारण के विभिन्न माध्यमों से श्रीकृष्ण-जन्मभूमि के दर्शन करने वाले करोड़ों-करोड़ कृष्ण-भक्तों को ‘धर्म रक्षा-राष्ट्र रक्षा’ का सन्देश देंगी।
-up18news
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.