पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किए जाने के दावे को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पूरी तरह ख़ारिज कर दिया है.
उन्होंने कहा है कि इस तरह के दावे ‘निराधार’ हैं और किसी को भी गिरफ्तार या नज़रबंद नहीं किया गया है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सिन्हा ने कहा- “ये दावा निराधार है, ना ही किसी को गिरफ़्तार किया गया है और ना ही नज़रबंद किया गया है. ये भ्रामक अफ़वाह फैलाने की कोशिश है. किसी को भी राजनीतिक कारणों से गिरफ़्तार या नज़रबंद नहीं किया गया है. “”
पीडीपी ने दावा किया है कि पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले उनके आवास पर ही नजरबंद कर दिया गया है.
पार्टी ने एक्स पर लिखा, “सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनाए जाने से पहले ही, पुलिस ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के आवास के दरवाजे सील कर दिए हैं और उन्हें अवैध रूप से नजरबंद कर दिया है.”
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अनुच्छेद-370 को हटाए जाने की संवैधानिक वैधता पर फ़ैसला सुनाने वाला है.
साल 2019 में भारत सरकार ने संविधान के इस अनुच्छेद को निरस्त कर दिया था. चार साल बाद अब सुप्रीम कोर्ट इसे लेकर अपना फैसला सुनाने वाला है.
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और सूर्यकांत 16 दिनों तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 5 सितंबर को अपना फ़ैसला सुरक्षित कर लिय था.
Compiled: up18 News