पाकिस्तान में बच्चों को पढ़ाया जाता है कि उनकी हिस्ट्री 1947 से शुरू हुई है

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दरअसल, देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पाकिस्तान में काफी बरस रहे हैं लेकिन कम लोगों को पता होगा कि उनके बेटे शौर्य ने वहां से पढ़ाई भी की है। जी हां, शौर्य डोभाल 6-7 साल पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में रहे थे। उस समय डोभाल दूतावास में तैनात थे। यह किस्सा है 1981 से 1987 के बीच का। उस समय इस्लामाबाद में सिक्योरिटी का बहुत ज्यादा तामझाम नहीं होता था।

शौर्य ने एक इंटरव्यू में बताया है कि उस समय अफगान संकट चल रहा था और पाकिस्तान का पूरा फोकस उसी ओर था। पंजाब क्राइसिस शुरू नहीं हुई थी। ऐसे में भारतीय राजनयिक या उनके परिवारों के लिए बहुत ज्यादा सुरक्षा का खतरा नहीं था। पाकिस्तान में शौर्य के दोस्त भी बने थे लेकिन आज वह उनके संपर्क में नहीं हैं। एक बार भारत आने के बाद कभी बातचीत नहीं हो पाई क्योंकि तब इंटरनेट जैसा माध्यम नहीं था।

जूनियर डोभाल ने बताया कि पाकिस्तान के कई स्कूलों में उन्होंने पढ़ाई की थी। जब उनसे कहा गया कि यह अपने आप अलग बात है तो उन्होंने कहा कि नहीं, यह कुछ वैसा ही था जैसे आप देश के दूसरे हिस्सों में बड़े होते हैं, पढ़ते हैं। हां, केवल एक अंतर था कि 50 बच्चों में मैं अकेला इंडियन था और बाकी खिलाफ। शौर्य ने कहा, ‘ऐसे में आप जीवन में दो चीजें सीखते हैं। पहला, आप अपने देश से प्रेम करना सीखने लगते हैं। दूसरा, आप अकेले लड़ना सीख जाते हैं।’

50 में अकेले तो राष्ट्रवाद पैदा हो जाता है

उन्होंने आगे कहा कि जैसे एक क्रिकेट मैच हो रहा है और 49 लड़के एक तरफ हैं, आप अकेले दूसरी तरफ हो। शौर्य मुस्कुराते हुए कहते हैं, ‘तो फिर आपमें राष्ट्रवाद खुद ही पैदा हो जाता है। आपमें अकेले लड़ने की क्षमता भी खुद ही आ जाती है।’

इसके आगे उनसे पूछा गया कि पाकिस्तान की हिस्ट्री में क्या पढ़ाया जाता है तो शौर्य ने बताया कि मुझे उस बात का एहसास तब नहीं था कि वो क्या पढ़ा रहे हैं क्‍योंकि तबब मैं छोटा था लेकिन जब मैंने दुनिया देखी तो समझ में आया कि उन लोगों को बिल्कुल अलग तरह की सच्चाई दिखाई जाती है।

Compiled: up18 News