मथुरा: भारत के उत्तर प्रदेश में वृंदावन का विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मन्दिर एक बार फिर चर्चा में है। इस बार वजह बनी है गर्भगृह पर लगी सोने की देहरी। सोने की देहरी को लेकर मंदिर से जुडे दो सेवायत गोस्वामी पक्ष ही आमने सामने हैं। यह मामला न्यायालय तक भी पहुंच चुका है।
सवाल उठा रहे सेवायत दिनेश गोस्वामी ने जारी किए वीडियो में इस बात पर आपत्ति जताई है कि सोने की देहरी पर फाइबर की सीट चढा दी गई है। आरोप लगा रहे सेवायत का कहना है कि पत्थर की देहरी की जगह चांदी की देहरी लगाई गई, चांदी की जगह सोने की लगाई गई है। इस पर हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन फाइबर की सीट पर हमें आपत्ति है। यह करोडों लोगों की आस्था का सवाल है। फाइबर की सीट पर देहरी पूजन कराना ठीक नहीं है। यह धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप भी नहीं है। फाइबर पर पूजा नहीं होती है, मेटल पर पूजा होनी चाहिए। हम फाइबर पर पूजा नहीं होने देंगे। फाइबर पर पूजा हमारी आस्थाओं से खिलवाड़ है। प्रतिदिन श्रद्धालु देहरी पूजन करते हैं। फाइबर की सीट को हटवाया जाए और सोने की शुद्धता की जांच कराई जानी चाहिए।
बांकेबिहारी मंदिर के मैनेजर मुनीशचंद शर्मा ने कहना है कि देहरी एक गोस्वामी ने लगाई है और दूसरा गोस्वामी इस पर अंगुली उठा रहा है। ये लोग कोर्ट में गए थे, कोर्ट ने कहा दिया कि दोनों पक्ष जांच करा लें। आज-कल में जांच भी आ जाएगी। दूसरा पक्ष कह रहा है कि देहरी में लगा सोना ठीक नहीं है। फाइबर सीट कोर्ट के आदेश पर लगवाई है। दोनों पक्ष राजी है। टंच को लकर कोई मामला नहीं है। बस इसे दिखाया जा रहा है।