धोखा देकर चीन का कर्ज उतारने को लेकर पाकिस्‍तान पर भड़का IMF

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द संडे गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान सरकार और अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्राकोष के बीच बातचीत रुकने के पीछे मुख्‍य वजह सीपीईसी की पाकिस्‍तानी अर्थव्‍यवस्‍था को तबाह करने में भूमिका है। पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था इसलिए और ज्‍यादा बर्बाद हो गई क्‍योंकि चीन ने सीपीईसी के नाम पर जो अरबों डॉलर का निवेश किया, उससे कोई रिटर्न नहीं आया। सूत्रों ने बताया कि आईएमएफ ने दो टूक कह दिया है कि पाकिस्‍तान सीपीईसी की शर्तों पर फिर से चीन से बातचीत करे नहीं तो उसे बेलआउट पैकेज देने में बहुत मुश्किल होगी।

पाकिस्‍तान के विदेशी कर्ज में 30 फीसदी हिस्‍सा चीन का

आईएमएफ इस दिशा में अगले कुछ दिनों में अपना अंतिम फैसला ले लेगा। आईएमएफ की टीम ने जनवरी में पाकिस्‍तान का दौरा किया था और व्‍यापक चर्चा की थी। पाकिस्‍तान आईएमएफ से 6.5 अरब डॉलर के पैकेज में से 1.1 अरब डॉलर की नई किश्‍त चाहता है जिस पर दोनों के बीच साल 2019 में सहमति बनी थी। पाकिस्‍तान किसी भी हालत में यह बेलआउट पैकेज चाहता है ताकि वह डिफॉल्‍ट से बच जाए। अगर आईएमएफ सहमत होता है तो उसे जून के आखिर तक पैसा जारी करना ही होगा।

सऊदी अरब और यूएई ने ऐलान तो कर दिया है कि वे 3 अरब डॉलर की राशि पाकिस्‍तान को देंगे लेकिन अभी तक उन्‍होंने पैसा जारी नहीं किया है। इन दोनों के अलावा अभी कोई और देश पाकिस्‍तान की मदद के लिए आगे नहीं आया है। पाकिस्‍तान को करीब 10,777 मिल‍ियन डॉलर का चीनी कर्ज लौटाना है। आईएमएफ अधिकारियों ने कहा कि साल 2019 से अब तक जो पैसा उन्‍होंने अर्थव्‍यवस्‍था को उबारने के लिए दिया था, उसे पाकिस्‍तान ने चीन का सीपीईसी का कर्ज उतारने के लिए खर्च कर डाला। इस तरह से पाकिस्‍तान ने आईएमएफ को धोखा दिया और कर्ज जाल बन चुके सीपीईसी का लोन कम किया। पाकिस्‍तान के कुल विदेशी कर्ज में चीन या उसकी कंपनियों का हिस्‍सा करीब 30 फीसदी है।

Compiled: up18 News