अगर मालदीव अस्थिर हुआ तो पूरा हिंद महासागर प्रभावित होगा: अब्‍दुल्‍ला शाहिद

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शांत मालदीव क्षेत्र के हित में

अब्‍दुल्‍ला के मुताबिक एक स्थिर और शांत मालदीव ही इस क्षेत्र के हित में हैं। उनकी मानें तो रणनीतिक स्थिति की वजह से मालदीव हिंद महासागर का केंद बन जाता है।

शाहिद ने कहा, ‘केवल एक लोकतांत्रिक और स्थिर मालदीव ही अंतर्राष्‍ट्रीय समुदाय को यह भरोसा दिला सकता है कि देश द्वारा लिए गए निर्णय विश्वसनीय हैं और लोगों की इच्छाओं का प्रदर्शन करते हैं।’ शाहिद का बयान कई मायनों में महत्‍वपूर्ण है। मालदीव में राजनीतिक उथल-पुथल दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। देश में जल्‍द ही राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। ऐसे में आशंका है कि पूर्व राष्‍ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की पार्टी, प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम)- सत्ता में वापसी कर सकती है।

मालदीव में इंडिया आउट कैंपेन

यामीन को चीन का समर्थक और मालदीव भारत विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने वाला नेता माना जाता है। वह फिलहाल जेल में हैं इसलिए वह चुनाव नहीं लड़ सकते। लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक वह राष्‍ट्रपति सोलिह के खिलाफ एक नया उम्मीदवार खड़ा कर सकते हैं। यामीन के निर्देश पर उनकी पार्टी के कई लोग पिछले साल से ‘इंडिया आउट’ कैंपेन चला रहे हैं, जिससे भारत की चिंताएं बढ़ गई हैं।

अब्‍दुल्‍ला शाहिद ने इस कैंपेन के लिए यामीन को दोषी ठहराया है। उन्‍होंने कहा है कि इंडिया आउट कैंपेन यामीन और उनकी टीम के नेतृत्व वाले एक ग्रुप की तरफ से चलाया जा रहा है। वो ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनके पास लोगों को बेचने के लिए और कुछ नहीं है। इसलिए वो नफरत और अति-राष्‍ट्रवाद पैदा करने की कोशिशों में लगे हुए हैं।

भारत और मालदीव के रिश्‍ते

मालदीव में यह कैंपेन कभी शुरू नहीं हो सका क्‍योंकि पिछले तीन वर्षों की भरपूर कोशिशों के बाद भी उन्‍हें असफलता ही मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि पीपीएम के अधिकांश सदस्यों को भी इस पर जरा भी भरोसा नहीं है। यही कारण है कि जब वो सड़क पर आते हैं तो केवल मुट्ठी भर लोग होते हैं। समय-समय पर वो जोश पैदा करने की कोशिश करते हैं लेकिन यह खत्‍म हो जाता है क्योंकि दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध बहुत अधिक ठोस हो गए हैं।

उनका कहना था कि सोलिह शासन साल 2018 में सत्ता में आने के बाद से चीन के साथ अपने संबंधों को संतुलित करने का प्रयास कर रहा है। साथ ही एक निर्णायक पहल के तहत ‘इंडिया फर्स्‍ट’ नीति का पालन कर रहा है। भारत भी मालदीव को एक भागीदार के रूप में देखता है और इस देश विकास में सहयोग कर रहा है।

Compiled: up18 News