हिमाचल की स्पीति घाटी, दुनिया की सबसे खूबसूरत घाटियों में होती है इसकी गणना

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स्पीति घाटी में ताबो और काजा के बीच में शिचलिंग नामक एक गांव है। शिचलिंग से धनकर के लिए रास्ता अलग होता है, जो यहां से 8 किमी दूर है। धनकर तक अच्छी सड़क बनी है और सभी तरह की गाड़ियां इस पर जा सकती हैं।

शिचलिंग से ढंकर तक तेज चढ़ाई है और जैसे-जैसे ऊपर चढ़ते जाते हैं, वैसे-वैसे चारों तरफ के शानदार नजारे दिखने लगते हैं। यहां स्पीति नदी काफी चौड़ी घाटी में बहती है और स्पीति का विहंगम नजारा दिखता है। कुछ और ऊपर जाते हैं, तो स्पीति-पिन का संगम दिखता है। पिन नदी की वैली भी बहुत खूबसूरत है और दुनिया की सबसे खूबसूरत घाटियों में इसकी गणना होती है।

धनकर ठेठ स्पीतियन स्टाइल में बसा हुआ गांव है। यहां मिट्टी के घर हैं, जो सर्दियों में माइनस तापमान में भी गर्म रहते हैं। गांव के ऊपरी हिस्से में मोनेस्ट्री है, जिसे धनकर मोनेस्ट्री कहते हैं। मोनेस्ट्री एक क्लिफ यानी बहुत ऊंचे खड़े ढलान पर स्थित है, जो दूर से देखने पर बड़ी हैरतअंगेज दिखती है।

मोनेस्ट्री के पास ही एक प्राचीन किला और राजमहल भी हैं, जो आज खंडहर हो चुके हैं। असल में तिब्बती भाषा में धनकर का अर्थ होता है क्लिफ पर स्थित किला। यह किला काफी महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित है और अपने समय में स्पीति वैली का शासन यहीं से संचालित होता था। यह किला समुद्र तल से 3,900 मीटर यानी 12,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण दुश्मन के लिए इस किले को जीतना बहुत मुश्किल था और ऊंचाई पर स्थित होने के कारण दूर-दूर तक नजर भी आसानी से रखी जा सकती थी।

धनकर झील

एक अत्यधिक खूबसूरत झील धनकर गांव से 4 किमी दूर है और इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 4,150 मीटर यानी 13,600 फीट है। यहां केवल पैदल ट्रैक करके ही जाया जा सकता है। धनकर से झील तक अच्छा ट्रैक बना हुआ है। शुरू के 2 किमी तक काफी तेज चढ़ाई है और हाई एल्टीट्यूड में स्थित होने के कारण ऑक्सीजन की कमी स्पष्ट रूप से महसूस होती है। जिनकी अच्छी फिटनेस है, उन्हें ही यह ट्रैक करने का सुझाव दिया जाता है।

जैसे-जैसे ऊपर चढ़ते हैं, धनकर गांव नीचे होता जाता है और पृष्ठभूमि में स्पीति-पिन संगम के साथ यह नजारा अद्भुत दिखता है। अगर सूर्यास्त का समय हो, तो रंगीन आसमान यहां की खूबसूरती को और बढ़ा देता है।

आखिरी के 2 किमी का ट्रैक एकदम आसान है और चढ़ाई नहीं है। यहां झील की नमी होने के कारण घास के बड़े-बड़े मैदान हैं और इन मैदानों में स्थानीय चरवाहे अपनी भेड़ें चराते हैं। मानसून में यहां कई तरह के फूल खिलते हैं और पूरा मैदान छोटे-छोटे फूलों से भर जाता है।

4 किमी का ट्रैक करने के बाद जब धनकर झील तक पहुंचते हैं तो पारदर्शी पानी की झील को देखते ही सारी थकान समाप्त हो जाती है। झील ज्यादा बड़ी नहीं है, लेकिन किसी प्रकार का कोई अतिक्रमण व मानवीय गतिविधि न होने के कारण यहां जाना काफी सुकून देता है। चारों तरफ भूरे-मटमैले बंजर पहाड़ों के बीच यह झील एक नखलिस्तान जैसी लगती है।

कैसे पहुंचें?

धनकर की शिमला से दूरी 400 किमी है। शिमला से रीकांग पीओ होते हुए ताबो व काजा तक स्टेट रोडवेज की बसें मिल जाती हैं। यह ताबो से 32 किमी और काजा से 35 किमी दूर है। दोनों ही स्थानों से ढंकर के लिए टैक्सी लेनी होती है, जो आसानी से मिल जाती है। आप मनाली की तरफ से भी आ सकते हैं। मनाली से कुंजुम पास होते हुए ढंकर 220 किमी है, लेकिन यह रास्ता केवल जून से अक्टूबर तक ही खुला रहता है।

कहां ठहरें?

ज्यादातर लोग ताबो में रात रुकते हैं और अगले दिन धनकर घूमते हुए काजा चले जाते हैं। लेकिन यदि आप ढंकर में ठहरना चाहते हैं, तो यहां 2-3 होटल व कुछ होमस्टे हैं। यहां ठहरने के ज्यादा विकल्प नहीं हैं इसलिए यदि आप पीक सीजन यानी जून व दशहरे-दीपावली के बीच आना चाहते हैं, तो आपको पहले से बुकिंग करा लेनी चाहिए।

Compiled: up18 News