हिमाचल प्रदेश में तीसरी बार 48 घंटों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी, कई स्थानों से पेड़ गिरने-भूस्खलन की खबरें

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हिमाचल के औद्योगिक केंद्र बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में प्रवेश के लिए अहम बद्दी बैरियर ब्रिज का एक पिलर टूट गया है. यहां वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है.
प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थलों शिमला और मनाली को चंडीगढ़ से जोड़ने वाले नेशनल हाइवे एक बार फिर बंद हो गए हैं. चंडीगढ़-मनाली फ़ोरलेन पर रैंसनाला पर इतना पानी आया कि वह पुल के ऊपर से गुज़रने लगा और पास की ही सुरंग में घुस गया.

मंडी के पंडोह इलाक़े में इस मॉनसून सीज़न में भारी तबाही मची है और आज भी यहां स्थिति खराब है. यहां के कुकलाह गांव में बादल फटने से आए फ़्लैश फ्लड की चपेट में दो मकान और एक स्कूल की इमारत आ गई. तीन लोग यहां मलबे में फंस गए थे जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है.

इस बीच बिलासपुर के बंदला में आसमानी बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत की खबर है. इस पूरे इलाके में बीती रात से ही भारी बारिश हो रही है. घुमारवीं में रहने वाले आशीष शर्मा ने बताया, “सुबह भयंकर गर्जन से नींद खुली. भारी बारिश के बीच काफी देर तक ऐसा माहौल बना रहा मानो आसपास ही कहीं बिजली गिर रही है.”

रेड अलर्ट

मौसम विभाग के शिमला केंद्र ने हिमाचल के कुल 12 में से आठ जिलों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. ये जिले हैं- शिमला, सोलन, सिरमौर, ऊना, मंडी, कुल्लू, हमीरपुर और बिलासपुर. कांगड़ा के लिए ऑरेंज अलर्ट है.
पहले मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया था और 72 घंटों में भारी बारिश होने की संभावना जताई थी.

इस सीजन में पहले दो बार 48 घंटों के लिए जारी ऑरेंज अलर्ट के दौरान प्रदेश में भारी तबाही मची थी. ऐसे में इस बार सबक लेते हुए कई जिलों के प्रशासन ने शिक्षण संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी थी.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला और सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी ने 23 और 24 अगस्त को होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है.

हमीरपुर और सोलन जिला प्रशासन ने शिक्षण संस्थान बंद करने का फैसला मंगलवार दिन को ही ले लिया था मगर कांगड़ा प्रशासन ने यह फैसला उपमंडल स्तर पर छोड़ा था. सबसे अधिक आबादी वाले इस जिले के लिए कल येलो अलर्ट ही था, मगर अब वह ऑरेंज अलर्ट में बदल चुका है.
यहां कई स्थानों पर रात को ही भारी बारिश होने लगी. इसके बाद कुछ जगह उपमंडल स्तर पर रात 10 बजे छुट्टी की घोषणा की गई तो कुछ जगह सुबह ऐसा एलान किया गया.

कांगड़ा के बैजनाथ में स्कूलों में छुट्टी की घोषणा आज सुबह 7.25 बजे की गई मगर तब तक बच्चे स्कूलों के लिए रवाना हो चुके थे. ऐसे में लोगों को असुविधा का सामना भी करना पड़ रहा है.

फ़्लैश फ़्लड और भूस्खलन की मार

शिमला और सोलन में भारी बारिश के चलते पेड़ गिरने, भूस्खलन और फ्लैश फ्लड आने का सिलसिला जारी है.
सोलन के सुबाथू में मकान और वाहन कीचड़ और मलबे की चपेट में आ गए हैं. राहत की बात है कि किसी तरह के जानी नुक़सान की खबर नहीं है.

इस साल सोलन में कई स्थानों पर फ्लैश फ्लड आने के कारण करीब 10 लोगों की जान जा चुकी है.

वहीं शिमला को चंडीगढ़ से जोड़ने वाला कालका-शिमला नेशनल हाइवे फिर से चक्की मोड़ के पास बंद भूस्खलन के कारण हो गया है.

शिमला शहर के अंदर भी कुछ स्थानों पर पेड़ गिरने और भूस्खलन की खबरें हैं, हालांकि किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.

यहां आईएसबीटी टूटीकंडी में एक बस मलबे की चपेट में आ गई. वहीं ऐतिहासिक मॉल रोड और अन्य संपर्क मार्गों में भी छोटे भूस्खलन आए हैं, जिन्हें हटाया जा रहा है. शिमला शहर में पानी और बिजली की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है.

शिमला में बीते सप्ताह हुए भीषण भूस्खलनों में 20 लोगों की जान चली गई थी. यहां समरहिल शिव मंदिर में आए भूस्खलन के मलबे को अब भी हटाया जा रहा है. अब तक 17 शव निकाले जा चुके हैं और तीन लोग अब भी लापता हैं.

भीषण बारिश का तीसरा दौर

पिछले सप्ताह भारी बारिश के कारण ब्यास नदी पर बने पौंग पांध से अचानक पानी छोड़ दिया गया था जिससे इंदौरा और फतेहपुर में बड़ा इलाका पानी में डूब गया था. थल और वायु सेना ने यहां संयुक्त अभियान चलाकर 2200 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया था.

अब मौसम विभाग ने 24अगस्त तक भारी बारिश का अंदेशा जताया है. पहले से ही तबाही की मार झेल रहे हिमाचल को हालात से निपटने में मुश्किलें आ रही हैं.

अभी कई सड़कों को बहाल करने का काम किया ही जा रहा था कि फिर से हो रही बारिश नई चुनौतियां लेकर आ रही है.

इस स्थिति की सबसे ज्यादा मार सुदूर के उन इलाकों पर पड़ रही है जो मुख्य कस्बों और केंद्रों से दूर हैं. वहां सड़कें बंद हो चुकी हैं और मरीजों को अस्पताल तक लाने में भी दिक्कतें हो रही हैं.

जुलाई के दूसरे सप्ताह और इसी महीने पिछले सप्ताह, हिमाचल ने तबाही के दो दौर ऐसे देखे जब 48 घंटों में भारी तबाही मची.

प्रदेश सरकार की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक जून से लेकर अब तक 350 से ज्यादा लोग बारिश के कारण पैदा हुए हालात और दुर्घटनाओं में जान गंवा चुके हैं. तीन दर्जन से ज्यादा लोग लापता हैं. प्रदेश भर में 40 हज़ार से ज्यादा मकानों को नुकसान पहुंचा है जिनमें से कम से कम 2000 मकान पूरी तरह तबाह हो चुके हैं.

प्रदेश सरकार का अनुमान है कि अब तक क़रीब 20 हज़ार करोड़ का नुकसान हुआ है. इसमें 7700 करोड़ प्रत्यक्ष नुकसान है.

राज्य सरकार ने प्रदेश में आपदा की स्थिति घोषित की है और केंद्र सरकार से से राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की जा रही है ताकि राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई जा सके.

Compiled: up18 News