आगरा: जिला अस्पताल प्रशासन की कार्यगुजारी की सजा भुगत रहे आधा दर्जन डॉक्टर, छह माह से नहीं मिली सैलरी

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आगरा जिला अस्पताल के लगभग आधा दर्जन से अधिक चिकित्सकों को पिछले 6 महीने से सैलरी नही मिली है। जिला अस्पताल प्रशासन से गुहार लगाते लगाते इन चिकित्सकों को लगभग 6 महीने हो गए लेकिन सैलरी नही मिल पाई है।

इन चिकित्सकों की आवाज लखनऊ तक पहुँची तो इस पूरे मामले की जांच पड़ताल की गई। सीडीओ ए मानिक चंद को जांच की जिम्मेदारी मिली तो पता चला कि जिला अस्पताल प्रशासन की गलती की सजा लगभग आधा दर्जन चिकित्सकों को मिल रही है।

कोरोना काल में संविदा पर रखे गए थे चिकित्सक:-

जिला अस्पताल के सीएमएस एके अग्रवाल ने बताया कि जब कोरोना संक्रमण चरम पर था। उस समय सरकार के निर्देश पर ही संविदा पर चिकित्सकों की भर्ती की गई थी। तीन चिकित्सक डॉ विवेक गौतम, डॉ शास्खन, नामित शुक्ला टेली मेडिसीन के लिए थे जो मरीजों को फोन पर ही उपचार दिया करते थे ।

कुछ प्रोग्राम जीका चिकित्सालय सुधरी करण के लिए रखे गए थे। जिसमें इसमें डॉ हरीश डॉ गुरमीत डॉ कृष्ण कुमार शामिल थे। जिला अस्पताल के सीएमएस अग्रवाल ने बताया कि जिला अस्पताल के बाबुओं की गलती के चलते संविदा पर रखे गए चिकित्सकों को परेशानी हुई है उनकी समस्या का हल कराया जा रहा है।

बिना अनुमोदन के ही दे दिए नियुक्ति पत्र:-

बताया जाता है कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान सरकार के निर्देश पर संविदा पर चिकित्सकों की भर्ती की गई। भर्ती के दौरान उन सभी चिकित्सकों के सभी डॉक्यूमेंट लखनऊ स्वास्थ्य मुख्यालय भेजे गए लेकिन वहाँ से कोई अनुमोदन नही हुआ और जिला अस्पताल प्रशासन ने उन सभी को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए। जब 6 महीने से सैलरी न आने से मामला आगरा से लखनऊ तक गुंजा तो पता चला कि उन चिकित्सकों का अनुमोदन ही नही हुआ है।

दूसरे बजट से देते रहे सैलरी:-

सूत्रों के मुताबिक अभीतक संविदा चिकित्सकों को जिला अस्पताल प्रशासन दूसरी योजना के बजट से सैलरी दे रहे थे लेकिन उस योजना का बजट भी कम हो गया जिसके चलते इन चिकित्सकों को सैलरी नही मिल पाई है। जब उन चिकित्सकों को सैलरी नही मिली तो जिला अस्पताल की कार्यगुजरी सामने आई है।

मुख्य विकास अधिकारी ने की जांच:-

इस पूरे मामले की जांच मुख्य विकास अधिकारी के पास पहुँची है। सूत्रों की माने तो मुख्य विकास अधिकारी ए मानिक चंद ने जिला अस्पताल का निरीक्षण भी कर लिया है।

उन्होंने विभाग से वह पत्रावली भी निकलवाई है जब इन सभी चिकित्सकों को संविदा पर रखा गया था और उन्हें बिना अनुमोदन के नियुक्ति पत्र भी दे दिए गए थे। फिलहाल सीएमएस एके अग्रवाल का कहना है कि मुख्य विकास अधिकारी अपनी रिपोर्ट लखनऊ देंगे जिसके बाद ही इन संविदा चिकित्सकों को सैलरी मिल पाएगी।