वो युग पीछे छूट गया है जब प्रगति का मानक पश्चिमीकरण को माना जाता था: विदेश मंत्री एस जयशंकर

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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ जयशंकर ने कहा, ”अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में एक बार फिर से संतुलन स्थापित हो रहा है और वो युग पीछे छूट गया है जब प्रगति का मानक पश्चिमीकरण को माना जाता था.”

जयशंकर ने कहा कि औपनिवेशिक काल में जो भाषाएं और परंपराएं दबा दी गई थीं, वो एक बार फ़िर से वैश्विक मंच पर अपनी जगह बना रही हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया भर में हिन्दी बोलने और समझने वालों की संख्या बढ़ रही है.

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, ”वैश्वीकरण का मतलब एकरूपता नहीं है बल्कि विविधिता को स्वीकार्य बनाना है. भाषा और संस्कृति का संगम दुनिया देखती है तो विश्व कल्याण के अच्छा होता है.”

एस जयशंकर ने कहा, ”दुनिया बहुध्रुवीय बन रही है. इसके लिए ज़रूरी है कि हम अपनी संस्कृति को लेकर भी सजग रहें. विश्व को सभी समाज और संस्कृति के बारे में जानकारी मिलनी ज़रूरी है. हमें सोचना होगा कि भाषा और संस्कृति के दिशा में क्या प्रगति हो रही है. भाषा और संस्कृति साथ-साथ चलती है.” फ़िजी में 15 से 17 फ़रवरी तक ये सम्मेलन होना है.

जयशंकर ने कहा, ”भारत और फ़िजी के लिए स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि की कामना के साथ… कावा ग्रहण किया.”

विदेश मंत्री ने उम्मीद जताई है कि भारत-फ़िजी के रिश्ते गहरे, स्थायी और मज़बूत बने रहेंगे.
जयशंकर ने नांदी में श्रीशिव स्वामी मंदिर में दर्शन भी किए.

Compiled: up18 News