आगरा: श्रीमद्भागवत में देवी चित्रलेखा ने किया भगवान के 24 अवतारों का वर्णन

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आगरा। श्री खाटूश्याम जी स्वयं सेवक परिवार द्वारा आयोजित भागवत कथा में देवी चित्रलेखा ने कहा कि आज धर्म ऐसे संकट में है कि इंसान भगवान् को भी बांटकर अपना बंटवारा करने में लगा है। उन्होंने बताया कि कथा इसलिए नहीं है क़ि जीवन परिवर्तित हो जाए, ये कथा सिर्फ प्रभु के आनंद को जीने के लिए है। आ जाओ कथा में और जब बैठो, तब छोड़ दो प्रभु पर सब कुछ। चिंता इतनी करो कि काम हो जाए। पर इतनी भी नहीं कि जिंदगी तमाम हो जाए। ‎मस्त रहिये, हरिनाम में व्यस्त रहिये।

श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन कथा स्थल पर भक्तों का जनसैलाब उमड़ा। देवी चित्रलेखा ने भागवत कथा में भगवान के 24 अवतारों आदि परषु, चार सनतकुमार, वराह, नारद, नर-नारायण, कपिल, दत्तात्रेय, याज्ञ, ऋषभ, पृथु, मतस्य, कच्छप, धनवंतरी, मोहिनी, नृसिंह, हयग्रीव, वामन, परशुराम, व्यास, राम, बलराम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि का वर्णन किया।

कलियुग के आरंभ में पांडवकुल भूषण राजा परीक्षित के तपस्यारत शमीक ऋषि के गले में सर्प डालने तथा ऋषि पुत्र के राजा को नाग द्वारा डसने संबंधी श्राप दिए जाने की कथा भी सुनाई। वहीं ऋषियों के परीक्षित को श्राप से मुक्ति दिलाने का उपाय का वर्णन करते हुए श्रीमद्भागवत कथा श्रवण को मुक्ति का सरल उपाय बताया।

कथा के दौरान देवी चित्रलेखा ने लोगों को गौ माता की रक्षा करने का मूल मंत्र दिया। युवाओं को प्रेरणा देते हुए उन्हें गौ माता की रक्षा करने के लिए आगे आने को कहा। साथ-साथ किसानों को भी खेती में विषैले उर्वरकों की जगह गौ माता के गोबर से बने खाद का उपयोग करने को कहा। ताकि खेतों में अच्छी व प्राकृतिक फसल हो।

आगे कथा के प्रसंगों में हिरण्याक्ष का वध व हिरण्यकशिपु की कथा, सती चरित्र, ध्रुव चरित्र, ध्रुव के वंश का निरूपण व खगोल विज्ञान का वर्णन आदि आदि कथाओं का भक्तों को श्रवण कराया। भागवत कथा के मुख्य यजमान राजीव अग्रवाल (कपड़े वाले) व उनकी धर्मपत्नी रचना अग्रवाल और दैनिक यजमान संजय अग्रवाल व रचना रहे।

इसके अलावा कथा में मुख्य रूप से संस्था के संस्थापक अमित अग्रवाल व गुंजन, संयोजक टीटू गोयल व नीलम, कोषाध्यक्ष अनूप अग्रवाल व अंजली, विजय जैन व वर्षा, योगेश व नीलम, निमेश व प्राची, अभिनव व शिवानी, राजा व पारुल, अशित गर्ग व रेनु, रोहित व पायल आदि मौजूद रहे।