प्रवचन: भक्त को भगवान से मिलाते हैं संतः जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज

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आगरा: नेपाल केसरी, जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज ने भक्तामर स्रोत अनुष्ठान में भक्त, भगवान और भक्ति की विस्तृत विवेचना की। कहा कि संत ही भक्त को भगवान से मिलाने का काम करते हैं, लेकिन संतों की प्रति अनन्य आस्था जरूरी है।

राजामंडी स्थित जैन स्थानक में हो रहे भक्तामर स्रोत अनुष्ठान के दौरान गुरुवार को जैन मुनि ने कहा कि जब हमारे भाव पवित्र होते हैं, मन में श्रद्धा, भक्ति होती है, तो हमारी आराधना अवश्य सफल होती है। भक्त और भगवान में दूरी नहीं रहती। संत ही हैं जो भक्त का हाथ पकड़ कर भगवान के हाथ में पकड़ा देते हैं।

भक्तामर स्रोत की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ श्रावक कहते हैं कि संस्कृत में भक्तामर स्रोत होने के कारण समझ में नहीं आता। मांगतुंग महाराज के मुख से संस्कृत में जो भाव निकले, वही तो भक्तामर स्रोत है । उसे पढ़ने से ही उसका फल मिलता है। संस्कृत का हिंदी में अनुवाद किया है, लेकिन अनुवादक की भावना क्या है, वह विचारणीय होती है। इसमें हमारे विश्वास की जरूरत है। शादी में जब पंडित जी संस्कृत में श्लोक पढ़ते हैं, तब हमें क्या उसका अर्थ समझ में आता है, लेकिन विश्वास होता है कि वह सही पढ़ रहे हैं और हमारे सुखद भविष्य की कामना कर रहे हैं।

जैन मुनि ने कहा कि धर्म के प्रति तो शंका करते हो, लेकिन संसार के कामों में नहीं। बुखार आने पर गोली खा लेते हो, उसमें पता रहता है कि क्या है। लेकिन कोई भ्रम नहीं रहता। इसी प्रकार धर्म के प्रति अटूट निष्ठा रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, श्रावक मंदिर जाते हैं, तब क्या मूर्तियां बात करती हैं, लेकिन हमें उनके प्रति श्रद्धा है। उन्होंने कहा कि श्रद्धा में केवल समर्पण होता है। भक्त अगर कुछ मांगने लगा तो याचक माना जाएगा। इसलिए भगवान को श्रद्धा दो, समर्पण दो, आपको अपने आप बहुत कुछ मिल जाएगा, बिना मांगे।

गुरुवार को दुर्ग छत्तीस गढ़,सूरत गुजरात, एवम जयपुर राजस्थान से पधारे धर्मप्रेमी भी अनुष्ठान में शामिल रहे.

नेपाल केसरी ,मानव मिलन संस्थापक डॉक्टर मणिभद्र मुनि,बाल संस्कारक पुनीत मुनि जी एवं स्वाध्याय प्रेमी विराग मुनि के पावन सान्निध्य में 37 दिवसीय श्री भक्तामर स्तोत्र की संपुट महासाधना में बुधवार को नौवीं गाथा का लाभ सरिता संजय परिवार एवम प्राची प्रदीप जैन परिवार लोहामंडी ने लिया। नवकार मंत्र जाप के लाभार्थी सरिता संजय सुराना परिवार थे।

धर्म प्रभावना के अंतर्गत नीतू जैन, दयालबाग की 24 उपवास , बालकिशन जैन, लोहामंडी की 28 ,मधु जी बुरड़ की 16 आयंबिल की तपस्या निरंतर जारी है

मंगलवार के कार्यक्रम में श्वेतांबर स्थानकवासी जैन ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक जैन ओसवाल ,सुरेंद्र सोनी, नरेंद्र सिंह जैन,विवेक कुमार जैन, अशोक जैन गुल्लू, संजय जैन,अर्पित जैन,महावीर प्रसाद जैन सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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