सुरक्षा व्यवस्था बेहतर बनाने को यमुना एक्सप्रेसवे पर खुलेंगे चार नए थाने, नोएडा में बनाया जाएगा ट्रॉमा सेंटर

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आगरा:  सड़क हादसों को रोकने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर चार नए थाने खोले जाएंगे। यमुना प्राधिकरण (यीडा) के अधिकारियों ने शासन के पास इसका प्रस्ताव भेजा है। इन थानों को मई माह में ही चालू करने की कवायद की जा रही है। यीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे पर पिछले सप्ताह सड़क हादसे में कार सवार सात लोगों की मौत हो गई थी। हादसे से सबक लेते हुए प्राधिकरण ने शासन के समक्ष यह प्रस्ताव भेजा है। चार नए थाने खुलने से एक्सप्रेसवे के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी, साथ ही हादसों को रोकने में मदद मिलेगी।

यहां बनेंगे थाने

यीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि यह चारों थाने गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, मथुरा और आगरा में खुलेंगे साथ ही एम्बुलेंस भी बढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि एक्सप्रेसवे पर अभी तीन एंबुलेंस जेपी कंपनी और तीन एंबुलेंस यीडा की ओर से चलाई जा रही हैं। अब एंबुलेंस की संख्या बढ़ाकर 12 की जा रही है। निजी कंपनियों से सीएसआर के माध्यम से भी और एंबुलेंस बढ़ाई जाएंगी। प्राधिकरण हर थाना क्षेत्र में 5 एंबुलेंस रखने की योजना पर काम कर रहा है। सीईओ ने बताया कि पेट्रोलिंग के लिए अभी 14 पीसीआर है लेकिन इनको 28 करने का निर्णय लिया जा चुका है।

नोएडा में बनाया जाएगा ट्रॉमा सेंटर

यमुना एक्सप्रेसवे पर होने वाले हादसों में घायलों को इलाज देने के लिए सेक्टर-18 और 20 में ट्रामा सेंटर बनाया जाएगा। इनमें एक सरकारी और एक निजी ट्रामा सेंटर होगा। सरकारी सेंटर 200 बेड का होगा जबकि निजी ट्रामा सेंटर की क्षमता 500 बेड की होगी। अधिकारियों ने बताया कि निजी ट्रामा सेंटर को ई-नीलामी से खरीदा जा सकेगा। इसमें किसी तरह की प्राधिकरण की ओर से छूट नहीं दी जाएगी।

पिछले साल आईआईटी दिल्ली से एक्सप्रेसवे पर हुए हादसों के कारणों की जांच कराई गई थी। रिपोर्ट में जिन खामियाें का जिक्र किया गया था उन्हें दूर किया गया। सड़क सुधार पर करीब 108 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

सीईओ ने बताया कि चार थानों के अलावा स्टाफ और अन्य सुविधाओं के लिए फिर से बजट की व्यवस्था की जाएगी और खामियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। इसमें सड़क किनारे रुकने वाले वाहनों को लेकर भी योजना बनाई जा रही है। यदि वाहन रुकें नहीं तो हादसों में कमी आएगी। वाहन चालकों को लेन ड्राइविंग के लिए बोर्ड आदि भी लगाए जाएंगे।