पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप, विपक्षी बैठक में 30 IAS अधिकारी बनाए द्वारपाल

Politics

IAS अधिकारी राज्य की क्षमता का प्रतीक

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएएस अधिकारी राज्य की क्षमता और दक्षता के प्रतीक हैं और इन अधिकारियों को राजनेताओं की सेवा के लिए द्वारपाल के रूप में तैनात करना अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।

अधिकारियों के नामों का किया खुलासा

कुमारस्वामी ने ट्वीट कर नेताओं की मेजबानी के लिए तैनात आईएएस अधिकारियों के नामों की सूची साझा की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि गठबंधन बनाकर सत्ता हासिल करने के लालच में कांग्रेस ने कर्नाटक के गौरव, विरासत और आत्मसम्मान का अंतिम संस्कार कर दिया है। अपने गठबंधन नेताओं की सेवा के लिए आईएएस अधिकारियों को तैनात कर कांग्रेस की कर्नाटक इकाई ने गलत किया है। क्या कथनी और करनी में अंतर न होने का उनका यही मतलब है?

6.5 करोड़ लोगों के साथ अन्याय

जेडीएस नेता ने कहा कि यह न तो राज्य सरकार का कार्यक्रम है, न ही नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह। यह सिर्फ एक राजनीतिक बैठक है। अपने गठबंधन के नेताओं की मेजबानी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को नियुक्त करना राज्य के 6.5 करोड़ कन्नड़ लोगों के साथ गंभीर अन्याय और बहुत बड़ा अपमान है।

सोमवार को हुआ था विचार-विमर्श

गौरतलब है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के उद्देश्य से सभी विपक्षी दल एक साथ जुड़ रहे हैं। इसी को लेकर विपक्ष के दलों ने सोमवार को बेंगलुरु में महत्वपूर्ण विचार-विमर्श शुरू किया। सोमवार को आयोजित रात्रिभोज बैठक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी नेता राहुल गांधी, राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, जनता दल (यूनाइटेड) नेता नीतीश कुमार, आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद शामिल हुए। इस बैठक में मंगलवार सुबह शुरू होने वाली औपचारिक वार्ता के एजेंडे को अंतिम रूप देने पर चर्चा की गई।

सत्तारूढ़ दल का अहंकार सामने आया

कुमारस्वामी ने कहा कि आईएएस अधिकारी राज्य की क्षमता और दक्षता के प्रतीक हैं और वे राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में इन अधिकारियों को राजनेताओं की सेवा के लिए ‘द्वारपाल’ के रूप में तैनात करना सत्तारूढ़ दल के अहंकार को दर्शाता है।

अधिकारी कैसे हुए तैयार

उन्होंने आगे कहा कि मुझे हैरानी इस बात की हुई कि अधिकारी यह काम करने के लिए सहमत हो गए, जबकि वह जानते थे कि इससे उनके आत्मसम्मान और सम्मान को ठेस पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि ऐसा विवादास्पद आदेश जारी करने वाले मुख्य सचिव लोगों के प्रति जवाबदेह हैं।

Compiled: up18 News