दिल्‍ली: 25 करोड़ के गहनों की चोरी के मामले में दो लोग गिरफ्तार

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पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है। दिल्ली पुलिस की टीमें वेस्ट बंगाल, हरियाणा के मेवात और दक्षिण भारत इलाके में भी छापेमारी कर रही है। पकड़े गए आरोपियों का नाम लोकेश और शिवा बताया जा रहा है। पुलिस टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आरोपियों तक पहुंची।

छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में भी दे चुके हैं चोरी को अंजाम

जानकारी के मुताबिक दोनों आरोपी प्रोफेशनल चोर हैं। वो छत्तीगसढ़ और आंध्र प्रदेश में भी चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। आरोपी जूलरी शॉप को ही अपना निशाना बनाते हैं। इस खुलासे के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस भी आरोपियों से पूछताछ कर रही है और वहां की गई चोरी की घटनाओं की जानकारी निकाल रही है। वहीं दिल्ली पुलिस दोनों आरोपियों को दिल्ली लेकर आ सकती है।

भोगल ज्वेलरी दुकान में चोरी मामले में बिलासपुर के SP संतोष सिंह ने बताया कि दुर्ग में रात को रेड की कार्रवाई की गई जिसमें लोकेश नामक चोर को पकड़ा गया। कल उसके एक साथी को पकड़ा गया जिसके पास से 23 लाख का सामान, ज्वेलेरी और कैश मिला था लेकिन वह भाग गया था। बाद में उसके घर से 12.5 लाख कैश मिला। दिल्ली में एक बड़ी चोरी हुई थी, उस चोरी का भी लगभग 18.5 किलो सोना और डायमंड ज्वेलेरी मिला है… इनका अंतर्राज्यीय गिरोह हो सकता है।

कई राज्यों में पुलिस की छापेमारी

बता दें कि पुलिस के पास सीसीटीवी फुटेज है, जिसमें एक संदिग्ध दिखाई दे रहा है। जूलरी शॉप में रिपेयरिंग का काम करने वाला कर्मचारी, जो वेस्ट बंगाल का रहने वाला है, उसे भी पुलिस अभी तक ट्रैक नहीं कर सकी है। न ही कर्मचारी ने अपने मालिक से संपर्क किया है। ऐसे संदिग्धों में वह भी शामिल है। लेकिन वह कहां है, इसका पता अभी किसी को नहीं है। उसके बारे में भी पता करने पुलिस टीम वेस्ट बंगाल गई हुई है। यही नहीं, चोरी में पुलिस मेवात गिरोह के अलावा दक्षिण भारत के गिरोह के सदस्यों के बारे में भी पता कर रही है। वहीं शोरूम के मालिक को डर है कि गिरफ्तारी में जितनी देरी होगी, उतना अधिक नुकसान होना का डर है। जांच के दौरान पुलिस को कई साक्ष्य और सुराग मिले हैं।

करीब एक दर्जन संदिग्ध मोबाइल नंबर का लगा पता

पुलिस की एक टीम ने जूलरी शोरूम और उसके पास लगी पिछले एक माह पुरानी सीसीटीवी फुटेज जब्त की है। इसके अलावा, करीब एक दर्जन संदिग्ध मोबाइल नंबर का भी पता चला है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अभी तक की जांच में सामने आया है कि वारदात को अंजाम देने से पहले वहां रेकी की गई थी। बदमाशों ने वारदात के लिए रविवार देर रात का समय इसलिए चयन किया था क्योंकि उनके पास वारदात को अंजाम देने के लिए 36 घंटे का समय था।

बदमाशों को पता था कि शोरूम अब मंगलवार को खुलेगा, ऐसे में अगर उन्हें वारदात में समय लगता है, तो भी वह सुरक्षित हैं। पुलिस टीम अब पुराने विडियो फुटेज के अलावा करीब एक दर्जन संदिग्ध मोबाइल नंबर के मदद से संदिग्धों की पहचान करने में जुटी हुई है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस दिल्ली के उन पुराने बदमाशों का भी रिकॉर्ड खंगाल रही है, जो दिल्ली के बड़ी-बड़ी चोरियों में शामिल रहे हैं। उनके बारे में पता किया जा रहा है कि अभी वह कहां-कहां है। वह जेल के अंदर हैं या बाहर हैं। अगर बाहर हैं तो उनकी संलिप्तता तो नहीं है।

Compiled: up18 News