काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए ‘ड्रेस कोड’ लागू करने पर विचार

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साड़ी पहन कर ही गर्भगृह में एंट्री

पांडेय ने कहा कि फिलहाल विश्‍वनाथ धाम आने वाले दर्शनार्थी शालीन और मर्यादित वस्त्र धारण करके आएं। उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं को ऐसे मर्यादित वस्त्र पहनकर आना चाहिए, जो देखने में अच्छे लगे। पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता और महिलाओं के लिए साड़ी पहन कर ही गर्भगृह में दर्शन पूजन करने को लेकर मंदिर न्यास की अगली बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा। न्यास की बैठक में विचार-विमर्श के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा।

जाड़े में चादर और गर्मी में दुपट्टा

काशी विश्वनाथ मंदिर के जनसम्पर्क अधिकारी पीयूष तिवारी ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए अभी कोई ‘ड्रेस कोड’ लागू नहीं है। उन्होंने बताया कि मात्र अर्चकों के लिए दो सेट पोशाक न्यास की तरफ से देने का निर्णय लिया गया है, जिसे लागू किया जाएगा। मंदिर में पुजारी अभी तक धोती पहनते हैं, लेकिन अब उनके लिए जाड़े में चादर और गर्मी में दुपट्टा दिया जाएगा, इस पर न्‍यास का लोगो होगा, जो उनकी पहचान बताएगा।

पौने तीन वर्ष लगे

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम के नये स्वरूप के निर्माण में लगभग पौने तीन वर्ष लगे और इस पर सात सौ करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। तेरह दिसंबर 2021 को मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम के नये स्वरूप का लोकार्पण किया था। आठ मार्च, 2019 को वाराणसी का कायाकल्प करने वाली ‘श्री काशी विश्वनाथ धाम परियोजना’ की आधारशिला मोदी ने ही रखी थी।

700 करोड़ रुपये खर्च हुए

एक सरकारी बयान के मुताबिक श्री काशी विश्वनाथ धाम परियोजना से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिला है। इसके अनुसार यह परियोजना पांच लाख वर्ग फुट में बनाई गई है और श्री काशी विश्वनाथ धाम मंदिर को गंगा के तट से जोड़ा गया है। बयान के मुताबिक इस परियोजना पर करीब 700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

Compiled: up18 News


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