उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में एक ऐसी बात होती है. डिबेट में छोटे-मोटे विषय आते हैं. एक-दूसरे के विषय में कुछ कहते हैं. अगर वो बहुत असंसदीय है, किसी को बहुत दुखी करता है तो आप उस वक्त कह सकते हैं कि ये ठीक नहीं है.”
“हमारे अधीर रंजन चौधरी को मामूली आधार पर निलंबित किया गया. अधीर रंजन के पक्ष में सफाई देते हुए खरगे ने कहा कि उन्होंने सिर्फ नीरव मोदी बोला. नीरव का मतलब ‘शांत’ होता है- साइलेंट. आप नीरव मोदी बोलने पर सस्पेंड कर देते हैं. मैं देश के उपराष्ट्रपति और सदन के सभापति से अपील करता हूं क्योंकि आपको लोकतंत्र की हिफ़ाजत करनी है.”
खरगे ने कहा, “वो पब्लिक अकाउंट कमेटी, बिजनेस एडवाइजरी कमेटी, सीबीआई, सीवीसी की सिलेक्शन कमेटी में हैं. उन्हें निलंबित करना इन सभी संस्थानों से दूर रखना है जो ठीक नहीं है.” अधीर रंजन चौधरी के निलंबन को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जायज ठहराया है.
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “उसी समय मैंने बोला कि माफी मांगो. कम से कम खेद प्रकट करो. ये बात रिकॉर्ड में हैं. उसके बावजूद भी उन्होंने कुछ नहीं किया. जब भी कोई बोलता है सत्ता पक्ष से, डिबेट या प्रश्न का उत्तर देते हैं, तो वे हर बार उठते हैं, परेशान करते हैं. ये उनकी आदत बन गई है. वे बिना नोटिस दिए निराधार आरोप लगाते हैं.”
निलंबित करने के फैसले पर फिर से सोचने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह फै़सला करना स्पीकर पर निर्भर करता है.
Compiled: up18 News
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