अशोक गहलोत की नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे हैं: सचिन पायलट

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सचिन पायलट ने कहा कि “एक तरफ़ ये कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम भाजपा कर रही थी, दूसरी तरफ कहा जाता है कि सरकार को बचाने का काम वसुंधरा कर रहीं थीं. ये जो विरोधाभास है इसे समझाना चाहिए.”

उन्होंने कहा कि “मुझे गद्दार, निकम्मा आदि कहा गया. जो आरोप परसों लगाए गए, ये आरोप मैं ढाई साल से सुन रहा था. हम अपनी सरकार को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे. जिस प्रकार का भाषण दिया गया, पहली बार देखा कि अपनी ही सरकार को, अपने विधायकों को, अपने नेताओं को बदनाम करने का काम हो रहा है और भाजपा के नेताओं का गुणगान हो रहा है.”

गहलोत के भाषण पर सवाल उठाते हुए सचिन पायलट ने कहा कि “ऐसे लोग जो पब्लिक लाइफ में रहे, जिनकी एक साख है, उन पर आरोप लगा देना कि आप चंद रुपयों में बिक गए. मैं इसे ग़लत मानता हूं. तीन साल से आपने कोई कार्रवाई नहीं की.”

उन्होंने सीएम पर पार्टी का अनुशासन तोड़ने का आरोप लगाया. सचिन ने कहा कि 25 सितंबर को सोनिया गांधी ने अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को जयपुर भेजा था ताकि वो विधायकों की बैठक ले पाएं और राज्य के नेतृत्व को लेकर फैसला कर पाएं लेकिन वो बैठक तक नहीं होनी दी गई.

पायलट ने कहा कि “उस समय सोनिया गांधी पार्टी की अध्यक्ष थीं. उनकी जो अवहेलना हुई, उनकी जो मानहानि हुई, उनकी जो बेइज्जती हुई वो गद्दारी थी. पता नहीं कितने विधायकों को इस्तीफा दिलवाया गया. अपनी सरकार को संकट में खड़ा किया गया.”

उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग आरोप लगाते हैं कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह के कहने पर विधायकों के इस्तीफे दिलवा दिए गए. इन बातों को मंच से बोलना शोभा नहीं देता है.

Compiled: up18 News