कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को आए महीनेभर भी नहीं हुआ है, पर पिछली सरकार के फैसलों को पलटने का काम तेजी से शुरू हो चुका है। कर्नाटक कैबिनेट ने गुरुवार को हुई बैठक में कई बड़े फैसले लिए है।
कर्नाटक की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने पिछली भाजपा सरकार के धर्मांतरण विरोधी कानून को निरस्त करने का फैसला किया है। सिद्धारमैया सरकार 3 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में इससे जुड़ा एक विधेयक पेश करेगी।यह जानकारी कर्नाटक के कानून और संसदीय मंत्री एच के पाटिल ने कैबिनेट मीटिंग के बाद दी। गौरतलब है कि एंटी कन्वर्जन लॉ बीजेपी सरकार ने सितंबर 2022 में इसे लागू किया था
साथ ही कैबिनेट ने सर्वसम्मति से स्कूली पाठ्यक्रम से आरएसएस के संस्थापक हेडगेवार ,सावरकरसे संबंधित चैप्टर भी हटाने का फैसला किया है।
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने बताया कि राज्य में स्कूली पाठ्य पुस्तकों से आरएसएस संस्थापक केबी हेडगेवार और अन्य के चैप्टर को हटाने का फैसला किया है। उनके साथ ही मंत्री एचके पाटिल ने बताया है कि राज्य मंत्रिमंडल ने स्कूलों और कॉलेजों में प्रेयर के साथ संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना अनिवार्य करने का फैसला किया है। साथ ही कैबिनेट बैठक में कृषि उत्पाद बाजार समिति अधिनियम में संशोधन करने पर भी निर्णय लिया गया है। इस कदम का उद्देश्य पुराने कानून को बहाल करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज कैबिनेट की बैठक में पाठ्यपुस्तकों के पुनरीक्षण पर भी चर्चा हुई। कानून और संसदीय कार्य मंत्री ने आगे कहा धर्मांतरण के कानून को रद्द करने के संबंध में प्रस्ताव तीन जुलाई से शुरू होने वाले सत्र के दौरान पेश किया जाएगा।
30 सितंबर से लागू हुआ कानून एंटी कन्वर्जन लॉ को दिसंबर 2021 में विधानसभा में पारित किया गया था, लेकिन विधान परिषद में पेश नहीं किया गया था जहां भाजपा के पास आवश्यक ताकत का अभाव था। मई 2022 में धर्मांतरण विरोधी कानून को लागू करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया गया।
भाजपा सरकार में पारित हुए इस अधिनियम में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की सुरक्षा और गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी भी धोखाधड़ी के जरिए एक धर्म से दूसरे धर्म में गैरकानूनी धर्मांतरण पर रोक लगाने का प्रावधान था।
इसके अंतर्गत 25 हजार जुर्माने के साथ 3 से 5 साल की सजा होती थी। जबकि नाबालिगों, महिलाओं, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से जुड़े प्रावधानों के उल्लंघन पर 10 साल की कैद और 50 हजार जुर्माना लगता था।
भाजपा ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और एम. मल्लिकार्जुन खरगे नीत कांग्रेस को ‘नयी मुस्लिम लीग’ करार दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बी.आर. पाटिल ने ट्विटर पर सवाल किया, ‘‘श्री राहुल गांधी, क्या यह ‘मोहब्बत की दुकान’ है?’उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का ‘हिंदू विरोधी एजेंडा’ सामने आ गया है। उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप चाहते हैं कि हिंदुओं का सफाया हो जाए? धर्मांतरण माफिया ने सिद्धरमैया और उनके मंत्रिमंडल को भाजपा द्वारा पेश धर्मांतरण विरोधी कानून को वापस लेने के लिए प्रभावित किया है।’’
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि ने कहा कि कर्नाटक में ‘धर्मांतरण माफिया ने यह सुनिश्चित किया है कि भाजपा सरकार द्वारा लाए गए धर्मांतरण विरोधी कानून को हिंदू विरोधी कांग्रेस निरस्त कर दे।’’रवि ने आरोप लगाया, ‘कांग्रेस नयी मुस्लिम लीग है और यह हिंदुओं को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जाएगी।’
Congress is "new Muslim League", says BJP after Karnataka Cabinet decision to repeal anti-conversion lawhttps://t.co/6gdLd5MoQD pic.twitter.com/ZqgoejWj2t
— Press Trust of India (@PTI_News) June 15, 2023