CM योगी ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि में युगल सरकार का किया पूजन, बोले- अयोध्या-काशी जैसी बनाएंगे मथुरा

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मथुरा। भगवान श्रीकृष्ण के 5252वें जन्मोत्सव के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि में गर्भगृह पहुंचकर ठाकुर जी के दर्शन किए। गर्भ गृह में ठाकुरजी के दर्शन के बाद योगमाया, केशवदेव के साथ ही भागवत भवन में युगल सरकार का पूजन किया। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के उद्देश्य- सज्जनों की रक्षा और दुष्टों का संहार, को स्मरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीकृष्ण ने युद्धभूमि को धर्मभूमि में परिवर्तित किया और निष्काम कर्म की प्रेरणा हमें आज भी ताकत देती है।

मुख्यमंत्री ने जन्मभूमि में दर्शन के बाद परिसर में एकत्रित भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि मथुरा की पावन माटी और इसके रज-रज में श्रीकृष्ण बसे हैं। देश और दुनिया से आए भक्त इस पवित्र भूमि में भावपूर्ण श्रद्धा के साथ एकत्रित हुए हैं। उन्होंने भक्ति और आध्यात्मिकता के महत्व पर जोर देते हुए कहा, ऐसी भक्ति और आस्था दुनिया में कहीं और दुर्लभ है। हमारी आध्यात्मिक विरासत ही स्थायी शांति और सौहार्द का मार्ग प्रशस्त करेगी।

सीएम योगी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में मथुरा में रंगोत्सव और जन्माष्टमी जैसे आयोजन नई ऊर्जा और श्रद्धा का संचार कर रहे हैं। उन्हें भी इनमें भाग लेने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि अयोध्या और काशी की तरह पांच हजार साल पुराने पौराणिक स्थल मथुरा के विकास के लिए भी हमें काम करना है।

सीएम ने उदाहरण देते हुए कहा कि 10 साल पहले काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या में भव्य राम मंदिर की कल्पना असंभव लगती थी, लेकिन आज ये वास्तविकता बन चुकी हैं। काशी में जहां पहले 50 श्रद्धालु एक साथ दर्शन नहीं कर पाते थे, वहां अब 50 हजार श्रद्धालु एक साथ दर्शन कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने गंगा नदी की निर्मलता और अविरलता का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गंगा स्नान और आचमन योग्य हो चुकी है। उन्होंने 2019 के प्रयागराज कुम्भ में 67 करोड़ श्रद्धालुओं की डुबकी का उल्लेख किया और कहा कि यमुना के लिए भी डबल इंजन सरकार ईमानदारी से काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने मथुरा, वृंदावन, बरसाना, गोकुल, बलदेव, गोवर्धन और राधा कुंड को पुनः तीर्थ के रूप में मान्यता देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बांटने वाली शक्तियों से सतर्क रहना होगा और सनातन धर्म का ध्वज दुनिया का मार्गदर्शन करता रहेगा।

जन्मस्थान पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सीएम ने पांचजन्य प्रेक्षागृह में बाल स्वरूप कान्हा को तिलक लगाया और भक्तों को राधे-राधे कहकर अभिवादन स्वीकार किया। पूरे कार्यक्रम में आध्यात्मिक वातावरण और भक्ति भाव का विशेष संचार देखने को मिला।