BBC को बैन करने की याचिका पर CJI का तुरंत सुनवाई से इंकार

National

हिंदू सेना ने अपनी याचिका में कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी पर केंद्रित डॉक्यूमेंट्री ‘India: The Modi Question’ के जरिए न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इमेज खराब करने की कोशिश की गई, बल्कि भारत के सामाजिक ताने-बाने को चोट पहुंचाने का प्रयास भी किया गया। स्वतंत्रता के समय से ही बीबीसी भारत विरोधी काम कर रहा है और स्वतंत्र राज के बावजूद लगातार भारत विरोधी प्रचार-प्रसार कर रहा है।

1970 के इंदिरा सरकार के फैसला का उदाहरण

इस याचिका में इंदिरा गांधी सरकार के उस फैसले का भी जिक्र किया गया है, जिसके तहत साल 1970 में सरकार ने बीबीसी को 2 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था और बीबीसी के कर्मचारियों को भारत छोड़ने के लिए कह दिया गया था। याचिका में कहा गया है कि 1970 में कांग्रेस के 40 सांसदों ने एक बयान जारी कर कहा था कि बीबीसी जानबूझकर भारत विरोधी सामग्री प्रचारित प्रसारित कर रहा है।

बीबीसी को बैन करने की याचिका पर क्या बोले CJI?

बृहस्पतिवार यानी 2 फरवरी को हिंदू सेना की याचिका चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) के सामने अर्जेंट लिस्टिंग के लिए आया। CJI चंद्रचूड़ ने अर्जेंट सुनवाई से इंकार कर दिया और याचिकर्ता को कहा कि कल आइये…।

डॉक्यूमेंट्री बैन करने के खिलाफ भी याचिका

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के निर्देश पर YouTube और Twitter ने अपने प्लेटफॉर्म से पीएम मोदी पर केंद्रित डॉक्यूमेंट्री ‘India: The Modi Question’ को हटा दिया है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट में PIL दाखिल की गई है। एडवोकेट एमएल शर्मा ने अपनी पीआईएल में आरोप लगाया है कि सच्चाई को दबाने के मकसद से भारत में डॉक्यूमेंट्री बैन की गई। उन्हें मोदी सरकार के 21 जनवरी के उस फैसले को रद्द करने की मांग की है, जिसके तहत डॉक्यूमेंट्री बैन की गई थी।

CJI चंद्रचूड़ इस मामले की अर्जेंट सुनवाई के लिए तैयार हो गए हैं और 6 फरवरी को मामले की सुनवाई होगी। उधर, चर्चित एडवोकेट प्रशांत भूषण, वरिष्ठ पत्रकार एन. राम ने भी डॉक्यूमेंट्री बैन करने के खिलाफ SC में याचिका दायर की है।

Compiled: up18 News