चीन: दुनिया की सबसे बड़ी आईफोन फैक्ट्री हुई ‘लॉकडाउन’

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कर्मचारियों को क्वारंटाइन में भेजना पड़ा

अचानक से हुई यह कार्रवाई चीनी सरकार की जीरो कोविड पॉलिसी को दर्शाती है। लेकिन इससे फॉक्सकॉन का प्रमुख प्लांट ठप पड़ जाएगा। इस ताइवानी कंपनी पर कोरोना का काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। इस कंपनी को अपने करीब दो लाख कर्मचारियों में से कुछ को क्वारंटाइन में भेजना पड़ा। वहीं, कई तो इससे बचने के लिए प्लांट से भाग गए। वहीं, सोशल मीडिया पर ऐसी अटकलें भी चल रही हैं कि कंपनी के कुछ संक्रमित कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है।

प्लांट से भागे कर्मचारी

हाल ही में कुछ फोटोज और वीडियोज सामने आए, जिनमें दुनिया की सबसे बड़ी आईफोन फैक्ट्री के कर्मचारी कथित तौर पर प्लांट से भागते दिखे। रिपोर्ट के अनुसार, ये कर्मचारी खाने की कमी से जूझ रहे हैं और पैदल ही घर वापस जाने को मजबूर हैं। चीन को डर सता रहा है कि फॉक्‍सकॉन की फैक्‍ट्री से भाग रहे ये कर्मचारी देश के अन्‍य हिस्‍सों में कोरोना फैला सकते हैं।

सोशल मीडिया में इस फैक्‍ट्री से भाग रहे चीनी कर्मचारियों के वीडियो वायरल हो गए हैं। इसमें नजर आ रहा है कि ये कर्मचारी फॉक्‍सकॉन फैक्‍ट्री के चारों ओर लगाई गई बाड़ को फांदकर निकल रहे हैं। वे लोग अपने सामान को लेकर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित अपने घरों की ओर निकल चुके हैं। कोरोना लॉकडाउन की वजह से इस इलाके में कोई भी वाहन नहीं चल रहा है। अब चीनी सरकार ने इस एरिया में 7 दिन का लॉकडाउन ही लगा दिया है।

भारत के लिए बढ़ेंगे अवसर

चीन में कड़े कोविड प्रतिबंधों के चलते वहां स्थित मल्टीनेशनल कंपनियां काफी समय से विकल्प तलाश रही हैं। एपल भी अब चीन का विकल्प देख रहा है। ऐसे में भारत के लिए मौके बढ़ गए हैं। एपल का ताइवान बेस्ड कांट्रैक्टर फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप, विस्ट्रॉन कॉर्प और पेगाट्रॉन कॉर्प दक्षिण भारत में आईफोन तैयार करते हैं। हालांकि, भारत आईफोन के कुल उत्पादन का एक छोटा हिस्सा ही बनाता हैं। लेकिन अब इसमें तेजी से वृद्धि हो रही है।

भारत से अप्रैल से अगस्त के बीच आईफोन 11, आईफोन 12, आईफोन 13 का निर्यात किया गया है। भारत में टाटा ग्रुप भी आईफोन के पार्ट्स बना रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, एपल को 10 फीसदी उत्पादन क्षमता को चीन से बाहर ले जाने में करीब 8 साल लग सकते हैं।

Compiled: up18 News