आगरा: लापता बच्चों और बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिए चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट ने एसएसपी को भेजे सुझाव

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आगरा: शाहगंज से अपहृत ढाई साल के बच्चे को वृंदावन से बरामद बच्चे को अगवा करने के पीछे बालक को निःसंतान दम्पत्ति अथवा भिखारी गैंग को बेचने की आशंका जताई जा रही है। इसी क्रम में चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट एवं महफूज संस्था के समन्वयक नरेश पारस ने एसएसपी को पत्र भेजकर लापता एवं भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के बारे में अवगत कराया तथा रोकने के सुझाव दिए।

यहां मांगते हैं बच्चे भीख

नरेश पारस ने बताया कि शहर के विभिन्न स्थानों पर बच्चों से भिक्षावृत्ति कराई जा रही है। जिनमें एमजी रोड पर सबसे अधिक बच्चे भीख मांगते हैं। इसके अलावा आगरा कैंट रेलवे स्टेशन, रावली महादेव मंदिर, मनःकामेश्वर महादेव मंदिर, सेंट चौराहा हनुमान मंदिर, लंगड़े की चौकी हनुमान मंदिर, संजय प्लेस, भगवान टाकीज, राजा की मंडी साईं बाबा मंदिर, आईएसबीटी, सदर तहसील, सदर बाजार, हरी पर्वत चौराहा आदि स्थानों पर बच्चे भीख मांगते है।

महफूज द्वारा भीख मांगने वाले बच्चों का सर्वे करके कई बार पुलिस तथा प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। अभी तक इन मामलों कोई मुकद्मा दर्ज नहीं हुआ है। भीख मांगने वाले बच्चे अधिकांश बाहरी जिलों के हैं। लापता बच्चों केे भिक्षावृत्ति में संलिप्त होने की आशंका है। कुछ मंदिरों पर बच्चों से भिक्षावृत्ति कराने के लिए बाहरी जनपदों से बस में बच्चे लाए जाते हैं जो सोमवार तथा मंगलवार को आगरा के मंदिरों पर भीख मांगते है। मंदिरों पर उनके पॉइन्ट बंटे होते हैं।

यह कहता है कानून

किशोर न्याय अधिनियम की धारा- 76(1) के तहत भीख मंगवाना अपराध है। यदि कोई भीख मंगवाने के लिए बच्चों को नियोजित करता है या किसी बच्चे से भीख मंगवाने पर पांच साल की कैद और एक लाख रूपया दंड का प्रावधान है।

इसी अधिनियम की धारा-76(2) के खंड 14 के उपखंड-5 के तहत जो भी व्यक्ति भीख मंगवाता है उसे अयोग्य माना जाएगा। संरक्षकता हटा ली जाएगी।

समुचित पुनर्वास के लिए बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसी प्रकार बाल श्रम (प्रतिबंध एवं नियमन) संशोधन अधिनियम, 2016 के तहत कोई भी व्यक्ति काम कराने के लिए बच्चों का इस्तेमाल करता है जिससे पैसे की आमदनी होती है तो यह अपराध की श्रेणी में आता है। किसी भी काम के लिए 14 साल से कम उम्र के बच्चे को नियुक्त करने वाले व्यक्ति को दो साल तक की कैद की सजा तथा उस पर 50 हजार रुपये का अधिकतम जुर्माने का प्रावधान है।

लापता बच्चों को बरामद कराने एवं बाल भिक्षावृत्ति रोकने हेतु सुझाव

1. एमजी रोड पर बहुत बच्चे भीख मांगते हैं। गैंग द्वारा भीख मंगवाने की आशंका है। इन बच्चों को मुक्त कराकर सरकार की योजनाओं से जोड़ा जाए। भीख मंगवाने वालों के विरूद्ध मुकद्मे दर्ज किए जाएं।

2. स्मार्ट सिंटी के कैमरों से भीख मांगने वाले बच्चों की निगरानी की जाएं।

3. भीख मांगने वाले सभी लोगों का थानेवार ब्यौरा संकलित उनकी जानकारी जुटाई जाए।

4. भिक्षावृत्ति रोकने की जिम्मेदारी थाने के बीट अधिकारी को दी जाए

5. लापता बच्चों के मामले में जनपद में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में मासिक जनसुनवाई आयोजित कराई जाए। जिसमें बच्चों के परिजन तथा विवेचकों को बुलाकर केस का अपडेट लिया जाए।

6. लापता बच्चे बापस लौटने पर उनकों बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रसतुत कर उनका फॉलोअप कराया जाए।

7. मिसिंग चिल्ड्रेन एसओपी के अनुसार चार माह तक लापता बच्चा न मिलने पर केस एएचटीयू में स्थानांतरण करने का प्रावधान है लेकिन ऐसे केस स्थानांतरित नहीं किए जा रहे हैं। इन केसों की विवेचना हेतु एएचटीयू में केस स्थानांतरित किए जाएं।

8. लापता बच्चो की बरामदगी तथा उनकी प्रगति रिपोर्ट को ऑफीसर रिव्यू (ओआर) मे शामिल किया जाए। बाल सुरक्षा सबधी सुरक्षा बैठकों में बाल अधिकार कार्यकर्ताओ/विशेषज्ञों को शामिल किया जाए।

-up18news