नोएडा अथॉरिटी में टेंडर आवंटन घोटाला, CEO ने दिए जांच के आदेश

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सूत्रों के मुताबिक जारी टेंडर की बंद ऑफ क्वालिटी में बहुत ही फर्जी तरीके के आइटम और उसकी राशि को खरीदा गया और इस घोटाले को अंजाम तक पहुंचा गया है. जबकि चार करोड़ 45 लाख रुपए की परियोजना डेवलपमेंट ऑफ वेद वन 27 दिसंबर 2019 को काम पूरा किया जा चुका है. काम पूरा करने वाली कंपनी को कंप्लीशन भी प्राधिकरण ने जारी कर दिया है. ऐसे में पूरी हो चुकी परियोजना का दोबारा टेंडर करने की जानकारी मिलने के बाद नोएडा अथॉरिटी के सीईओ डॉक्टर लोकेश एम. ने वित्त नियंत्रक की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठन कर दी है. जांच में विभागीय इंजीनियर के बजाए बाहर से इंजीनियरों को शामिल किया गया है.

ऐसे दिया घोटाले को अंजाम

अब आपको बताते हैं कैसे कैसे घोटाले को अंजाम दिया गया है. सेक्टर 78 वेदेवन पार्क में 54 स्ट्रीट लाइट और पोल शामिल हैं. 54 पोल के लिए एलटी केबल 20,000 मीटर यानी करीब 20 किलोमीटर खरीदी गई है. जिसकी कीमत 1 करोड़ रुपए से अधिक है.

लेकिन अथॉरिटी के जानकार बताते हैं कि 54 पोल के आपस में बीच की दूरी 30 मीटर के करीब दूरी मानी जाए तो भी 1620 मीटर केबल पर्याप्त है. ऐसे में करीब-करीब 18,500 मीटर केबल अतिरिक्त खरीदी गई है. इसके अलावा नई केबल खरीदने के दौरान 590 ज्वाइंट भी शामिल है जिसके लिए 10 लाख रुपए खर्च किए गए हैं.

बिना काम के हुई खरीदी और धन अधिक खर्च कराया गया

जानकार बताते हैं कि नई केबल के लिए जॉइंट की जरूरत ही नहीं है. इसके अलावा 610 मी HT केबल शामिल की गई है जिसकी कीमत 1746 रुपए प्रति मीटर के हिसाब से 10 लाख 65 हजार खर्च किए गए हैं. जबकि इस केबल की जरूरत नहीं है. यहां पर पहले से ही विद्युत आपूर्ति सुचारू है. वेद वन का संचालन चल रहा है फिर भी यहां पर 14 लाख 50 हजार रुपए के दो इलेक्ट्रीशियन और सुपरवाइजर भी शामिल किए गए हैं.

– एजेंसी