राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को लेकर कांग्रेस नेता अजॉय कुमार की विवादित टिप्पणी सामने आई है। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू शालीन हैं, लेकिन वह आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं बल्कि इविल फिलॉसफी (बुरी विचारधारा) की नुमाइंदगी करती हैं। उन्होंने विपक्षी दलों की तरफ से उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को अच्छा उम्मीदवार बताया।
भाजपा का पलटवार
कांग्रेस नेता के इस बयान पर भाजपा ने पलटवार करते हुए इसे द्रोपदी मुर्मू का अपमान बताया। भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि अपनी कड़ी मेहनत से मुर्मू इस जगह तक पहुंची हैं। उन्होंने अजॉय कुमार से सवाल किया कि आखिर वो किस तरह की ‘इविल फिलॉसफी’ की बात कर रहे हैं?
अपने ट्वीट में भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सभी हदें पार कर दी हैं, यह बयान पूरे आदिवासी समाज, SC समाज का अपमान है। इसी मानसिकता ने अंबेडकर जी को दो बार चुनाव में मात दी और उन्हें कई सालों तक भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया।
कांग्रेस नेता ने क्या कहा
कांग्रेस नेता अजॉय कुमार ने कहा, “यह द्रौपदी मुर्मू के बारे में नहीं है, यशवंत सिन्हा भी एक अच्छे उम्मीदवार हैं और मुर्मू भी शालीन हैं। लेकिन वह भारत के एक बहुत ही बुरे दर्शन (Evil Philosophy) का प्रतिनिधित्व करती हैं। हमें उन्हें ‘आदिवासी’ का प्रतीक नहीं बनाना चाहिए। हमारे पास राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद हैं लेकिन हाथरस में क्या हुआ। क्या उन्होंने एक शब्द भी कहा? अनुसूचित जाति की स्थिति बदतर हो गई है।
बता दें कि आगामी 18 जुलाई राष्ट्रपति चुनाव होना है। ऐसे में कांग्रेस नेता के ताजा बयान से राजनीति तेज हो गई है। भाजपा इसे आदिवासियों का अपमान बता रही है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुने जाने के बाद द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति और देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी।
द्रोपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल थीं। उनका कार्यकाल 2015 से 2021 तक रहा। ओडिशा के एक पिछड़े जिले मयूरभंज के एक गरीब आदिवासी परिवार में जन्मी मुर्मू भाजपा में साल 2002 से लेकर 2015 तक कई एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहीं और इसके अलावा कई अहम पदों पर रह चुकी हैं।
-एजेंसी