अटल गीत गंगा: पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के जन्मदिवस की पूर्व बेला पर सुधीर नारायण के स्वर ने बांधा शमा

Press Release

पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के जन्मदिवस की पूर्व बेला पर 11वां अटल गीत गंगा कार्यक्रम सम्पन्न

आगरा। देशभक्ति, कर्तव्यनिष्ठता, ईमानदारी और आशा निराशा के भंवर से युवाओं को उबरने की सीख देती स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की रचनाएं जब प्रख्यात गायक सुधीर नारायण के संगीतमय स्वरों में लिपटकर आयीं तो हर तरफ तालियों की गड़गड़ाहट उनका स्वागत करती नजर आईं।

पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस की पूर्व बेला पर शास्त्रीपुरम स्थित सचदेवा मिलेनियम स्कूल में अटल गीत गंगा आयोजन समिति द्वारा 11वें अटल गीत गंगा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें सुधीर नारायण द्वारा अटल जी द्वारा रचित उनकी 51 रचनाओं को संगीत के सुरो में पिरोया ।

इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि सिटी मजिस्ट्रेट आनन्द कुमार ने स्व. अटल जी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सूर्यकान्त त्रिपाठी (निराला) द्वारा रचित सरस्वती वंदना वर दे वीणा वादिनी… से प्रारम्भ हुआ।

कार्यक्रम में जब गीत नहीं गाता हूं… से प्रारम्भ गीत का अंत गीत नया गाता हूं… के साथ हुआ। गूंजी हिन्दी विश्व में, स्वप्न हुआ साकार… गीत ने देशभक्ति की लहर के जोश से भर दिया वहीं उन गई मौत से ठन गई… गीत जीवन जीने की कला सिखा गया। अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम संयोजक अशोक चौबे ने किया।

विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने इस मौके पर कहा कि अटल जी ने राष्ट्रभक्ति के मूल्यों को राजनीति में स्थापित किया। अपने कवि जीवन से उन्होंने नई पीढ़ी के लोगों का मार्गदर्शन किया गया। एमएसली विजय शिवहरे ने कहा कि अटल जी अपने सिद्धांतों से कभी नहीं डिगे, इसीलिए सिर्फ एक वोट के कारण उनकी सरकार गिर गई।

इस अवसर पर एसडीएम दीपक पाल, पूर्व विधायक महेश गोयल, विशिष्ट अतिथि बांकेलाल, उप्र महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित, पूरन डावर, डॉ. रंजना बंसल, राजेन्द्र सचदेवा, नरेश जैन, शिव सागर, दीपक चतुर्वेदी, एसडी शर्मा, लक्ष्मी नारायण गुप्ता, चौ. यशपाल, संजीव यादव, कैलाश कुमार जैन, संजीव भारद्वाज, सहदेव आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सुशील सरित ने किया।

अटल सम्मान से इन्हें किया सम्मानित

आगरा। इस अवसर पर शहर के विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात पांच लोगों को अटल सम्मान से सम्मानित किया गया। साहित्यकार पं. शिव कुमार शर्मा, पिंक बेल्ट मिशन की अपर्णा राजावत, पार्श्व गायक सुधीर नारायण, पर्यावरणविद् मुकुल पाण्ड्या, साहित्यकार लक्ष्मी नारायण गुप्त को स्मृतिचिन्ह व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।