सिख अलगाववादियों का भारतीय दूतावास पर हमला कतई बर्दाश्त नहीं: अमेरिका

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खालिस्तान के समर्थन में नारेबाज़ी करते हुए रविवार को प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने पुलिस के अस्थायी सुरक्षा घेरे को तोड़ा और वाणिज्य दूतावास के अंदर प्रवेश कर गए. प्रदर्शनकारी परिसर के अंदर दरवाज़ों और खिड़कियों पर लोहे के सरिये मारने लगे.

रोज़ाना होने वाली प्रेस वार्ता के दौरान व्हाइट हाउस के अधिकारी जॉन किर्बी ने इस मामले से जुड़े सवाल के जवाब में कहा, “ये तोड़फोड़ बिल्कुल अस्वीकार्य है.”

उन्होंने कहा, “विदेश मंत्रालय की डिप्लोमैटिक सिक्योरिटी सर्विस स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रही है. मैं सैन फ़्रांसिस्को पुलिस के लिए कुछ नहीं बोल सकता, लेकिन मैं ये कह सकता हूं कि सही तरीके से जाँच के लिए डिप्लोमैटिक सिक्योरिटी सर्विस स्थानीय प्रशासन के साथ काम कर रही है और विदेश विभाग परिसर में हुए नुक़सान की मरम्मत के लिए भी काम करेगा, लेकिन ये अस्वीकार्य है.”

इससे पहले भारत ने भी नई दिल्ली में मौजूद अमेरिकी अधिकारी से मिलकर इस हमले पर विरोध दर्ज कराया था.
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि अमेरिका को भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी करके ये संकेत दिए हैं कि इस हमले के दोषियों को सज़ा दी जाएगी.

इस बयान में कहा गया है, “रविवार को सैन फ़्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले की अमेरिका निंदा करता है. अमेरिका में किसी देश के दूतावास में इस तरह की हिंसा दंडनीय अपराध की श्रेणी में आती है.”

विदेश मंत्रालय के साउथ और सेंट्रल एशिया ब्यूरो ने कहा, “अमेरिका में अन्य देशों के दूतावासों और वहां काम कर रहे राजनयिकों की सुरक्षा का ध्यान रखना हमारी प्राथमिकता है.”

Compiled: up18 News