अमेरिका के पास मानवाधिकार पर भारत को भाषण देने का कोई हक नहीं: चीन

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चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने भारत के मुद्दे पर अमेरिका पर निशाना साधा है. पिछले दिनों अमेरिका और भारत में 2+2 मंत्रिस्तरीय बातचीत हुई थी. जिसमें भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए. बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत में मानवाधिकार की स्थिति पर टिप्पणी की थी. लेकिन उस समय मौजूद भारत के दोनों मंत्रियों ने कोई टिप्पणी नहीं की.

हालाँकि बाद में एस जयशंकर ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा- सोमवार को वॉशिंगटन में 2+2 बैठक में भारत में मानवाधिकार को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी. लोग हमारे बारे में अपना विचार रखने का हक़ रखते हैं.

लेकिन उसी तरह हमें भी उनके बारे में अपना विचार रखने का हक़ है. हमें उन हितों के अलावा लॉबियों और वोट बैंक पर भी बोलने का अधिकार है, जो इन्हें हवा देते हैं. हम इस मामले में चुप नहीं रहेंगे.

दूसरों के मानवाधिकारों को लेकर भी हमारी राय है. ख़ासकर जब इनका संबंध हमारे समुदाय से हो. मैं आपको कह सकता हूँ कि अमेरिका समेत बाक़ियों के यहाँ मानवाधिकार की स्थिति को लेकर हमारे पास कहने के लिए है.

अब विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस टिप्पणी वाली ऑप इंडिया की ख़बर को शेयर करते हुए ग्लोबल टाइम्स ने टिप्पणी की है कि अमेरिका के पास आज़ाद भारत में मानवाधिकार पर भाषण देने की कोई योग्यता नहीं है.

ग्लोबल टाइम्स ने अपनी टिप्पणी में लिखा है- ये सही समय है कि अमेरिका भारत को कमतर आँकते हुए अपने ग्राहक देश के तौर पर समझने का सपना देखना बंद कर दे. अपनी उच्च नैतिकता की सवारी करना बंद कीजिए और उभरती हुई शक्तियों से बर्ताव करना सीखिए.

-एजेंसियां


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