11 साल उम्र में नासा की मिशन मंगल की टीम का हिस्सा बनेगा आगरा का होनहार छात्र देवांश

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आगरा: 11 साल की उम्र बच्चों के लिए खेलने कूदने की होती है। लोग इस उम्र में पढ़ने लिखने के साथ-साथ स्पोर्ट्स में रुचि दिखाते हैं लेकिन 11 साल की उम्र में देवांश धनगर ने कंप्यूटर की प्रोग्राम कोडिंग में वो मुकाम हासिल कर लिया है, जो लोगों के लिए सोचना भी कठिन है।

बिचपुरी ब्लॉक के ग्राम बरारा निवासी लाखन सिंह के पुत्र देवांश धनगर ने मात्र 11 वर्ष की आयु में कम्प्यूटर कोडिंग की दुनिया में अंतरराष्ट्रीय पटल पर विशेष पहचान बना ली है। लगभग 150 से ज्यादा राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके देवांश को नासा (अमेरिका) ने वर्ष 2026 के मिशन मंगल की कोडिंग टीम का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है। नासा ने उनको बोर्डिंग पास भी जारी कर दिया है। इस उपलब्धि से परिवार के लोग काफी उत्साहित हैं और आसपास के लोग भी देवांश को बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं।

पिता को देख ऑनलाइन सीखी कोडिंग

देवांश बेहद साधारण परिवार से हैं। देवांश के पिता ने 1999 में आरबीएस खंदारी कैंपस से एमसीए किया था। वह अब कंप्यूटर प्रोग्रामिंग करते थे और कोचिंग भी चलाते हैं। देवांश ने अपने पिता से इस गुण को सीखा है। कंप्यूटर प्रोग्रामिंग कोडिंग में रूचि जागने पर देवांश ने कोडिंग के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां यूट्यूब से ऑनलाइन भी सीखीं। आज वह करीब दिन के करीब सात से आठ घंटे लैपटॉप के साथ बिताते हैं। वह नई-नई कोडिंग के साथ एडवांस ऐप बनाने में जुटे रहते हैं। उन्होंने अपने नाम से देवांश मारियो गेम भी बनाया है।

आठवीं तक नहीं गए स्कूल, अब देंगे इंटर की परीक्षा
देवांश के पिता लाखन सिंह घर मे ही एक एकेडमी चलाते हैं। इसमें करीब 70 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। वह गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देते हैं। देवांश ने कक्षा आठ तक की पढ़ाई घर से ही की, वह स्कूल नहीं गए। हाईस्कूल में वह स्कूल गए और परीक्षा उन्होंने 80 फीसदी अंकों से उत्तीर्ण की। अब 11 वर्ष की उम्र में वह इंटर की परीक्षा देंगे। अब तक दस से ज्यादा ऐप बना चुके देवांश 500 से अधिक बच्चों को ऑनलाइन मुफ्त में कोडिंग की शिक्षा दे चुके हैं। देवांश किसी भी गणितीय समस्या को चुटकियों में हल कर देते हैं।

अद्भुत प्रतिभा के धनी है देवांश, डेढ़ सौ से अधिक जीते हैं पुरस्कार:-

देवांश कंप्यूटर प्रोग्राम कोडिंग के विशेषज्ञ माने जा रहे हैं वह अब इसमें मास्टर हो गए हैं इनकी इस प्रतिभा से सभी लोग प्रेरित हैं। देवांश किसी भी गणितीय समस्या को चुटकियों में हल कर देते हैं। देवांश धनगर ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के 150 से अधिक पुरस्कार हासिल किए हैं। 2021 में महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें बाल गौरव पुरस्कार दिया। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें सम्मानित किया था।

नासा ने मिशन मंगल टीम में किया शामिल

देवांश धनगर की कोडिंग की समझ और काबिलियत को देखते हुए अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने उन्हें 2026 के मिशन मंगल की टीम का हिस्सा बनाया है। वह कोडिंग टीम में अपना जौहर दिखाएंगे। नासा ने उनको बोर्डिंग पास जारी कर दिया है वहीं, बेटे की इस प्रतिभा से परिजन बेहद ही खुश हैं। देवांश एमआईटी जाना चाहते हैं। वह गरीब बच्चों के लिए मुफ्त एजुकेशन ऐप बनाएंगे ताकि गरीब बच्चे इंटरनेट से शिक्षा पाकर अपना भविष्य संवार सकें।।देवांश गणित के विशेषज्ञ हैं। कोई गणितीय समस्या वह चुटकियों में हल कर देते हैं।

-एजेंसी