यूपी के सीएम योगी ने पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा, मुगल आक्रांताओं से नहीं हो सकता हमारा संबंध

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महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर चल रहा विवाद

महाराष्ट्र में बीते दिनों औरंगजेब को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ था। सोशल मीडिया पर औरंगजेब समर्थक पोस्ट से प्रदेश में हिंसा भड़की, जिसके बाद बीजेपी ने इसे लेकर विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला। दरअसल, महाराष्ट्र में शिवाजी और औरंगजेब को लेकर राजनैतिक विवाद काफी पुराना है। उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार के दौरान औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर करने की कवायद की थी। इस शहर का नाम मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर रखा गया था। ऐसे में नाम बदलने पर मिलने वाले सियासी फायदे पर शिवसेना और बीजेपी के बीच खींचतान बनी हुई थी।

महाराष्ट्र में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जाहिर तौर पर चुनाव में औरंगजेब और शिवाजी मुद्दा बनेंगे। संभावना है कि इस बार बीजेपी शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी। ऐसे में शिवाजी के नाम पर बनी शिवसेना के आदर्श महापुरुष शिवाजी पर अपना दावा ठोकने के लिए वह हर संभव कोशिश कर रही है। इसी क्रम में बीजेपी समर्थित एकनाथ शिंदे सरकार ने इस साल औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर कर दिया। यह शिवसेना की योजना ही थी लेकिन बीजेपी समर्थित सरकार के इस पर मुहर लगाने से शिवाजी के प्रति निष्ठा में बीजेपी शिवसेना (उद्धव गुट) से आगे निकल गई है।

इस बीच महाराष्ट्र में चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश से भी माहौल बनाया जाने लगा है। प्रदेश में शिवाजी को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को औरंगजेब का समर्थक साबित करते हुए कहा कि उनकी सरकारों में मुगलों के नाम पर म्यूजियम बन रहे थे। हमारी सरकार ने आगरा के उस किले में शिवाजी के नाम पर संग्रहालय बनवाया, जहां वह कैद करके रखे गए थे। योगी ने शिवाजी के यूपी से दो कनेक्शन के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि यूपी के वाराणसी के पुरोहित ने शिवाजी का राज्याभिषेक किया था।

इसके अलावा शिवाजी पर महाकाव्य रचने वाले कवि केशव भी कानपुर के थे। योगी ने कहा कि जब व्यक्ति का दृष्टिकोण राजनैतिक हो जाता है तो वह अपनी संस्कृति को समझने में अक्सर भूल करता है। हालांकि, माना जा रहा है कि योगी का यह शिवाजी प्रेम अकारण नहीं है। इसके जरिए, महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए माहौल बनाने की तैयारी की जा रही है, जहां इस साल के आखिर में चुनाव होने हैं। कहा जा रहा है कि योगी सरकार का यूपी में लिया गया यह फैसला महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के लिए ‘टॉनिक’ का काम कर सकता है।

Compiled: up18 News