आगरा: अब बदल जाएगी पालीवाल पार्क की सूरत, दशा सुधारने को हाईकोर्ट ने मांगा प्रस्ताव

Press Release

आगरा। पालीवाल पार्क के दिन अब बदल जाएंगे। एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पार्क की दशा सुधारने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शासन से विस्तार से प्रस्ताव मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 24 मई को होगी।

बता दें कि वर्ष 1886 से 1890 के मध्य में इंग्लैण्ड के प्रख्यात लैण्ड स्केप आर्किटेक्ट ग्रीसन द्वारा विकसित 72.5 एकड़ के वृहत क्षेत्र में आगरा शहर के हृदय में स्थित पालीवाल पार्क के सम्बन्ध में एक अच्छी खबर है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश राजेश बिन्दल की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने उप्र शासन को इस पार्क के विकास एवं रखरखाव की योजना बनाकर सविस्तार शपथपत्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। पांच मई को जनहित याचिका पर सुनवाई हुई थी। यह याचिका केसी जैन वरिष्ठ अधिवक्ता ने गुड मोर्निंग आगरा संस्था की ओर से वर्ष 2019 में दायर की थी। इसमें उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राहुल अग्रवाल ने तर्कों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। यह जनहित याचिका संख्या 1193 वर्ष 2019 में पक्षकारों को 24 मई 2019 को नोटिस उच्च न्यायालय ने जारी किये थे।

मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने अपने आदेश में यह उल्लेख किया कि याचिका के साथ प्रस्तुत फोटो से पार्क की खराब स्थिति स्पष्ट है। वहां आवारा कुत्ते व जानवर हैं, जंगली घास चारों ओर उग रही है। कूड़ा इकट्ठा करने के लिए कुछ गड्डे बनाये हुए हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र में विभिन्न एजेन्सियों की जिम्मेदारी बतायी है जैसे उद्यान विभाग की, नगर निगम की व आगरा विकास प्राधिकरण की।

एडीए ने झाड़ा पल्ला

आगरा विकास प्राधिकरण ने अपने शपथ पत्र में नगर निगम व जल निगम को जिम्मेदार बताया है। न्यायालय द्वारा पारित आदेश में कहा गया कि आगरा शहर की महत्वता को देखते हुए जहां विदेशी पर्यटकों सहित लाखों लोग आते हैं और पार्क शहर के हृदय में स्थित है, ऐसे में पार्क का विकास व रखरखाव राज्य सरकार की निगरानी में किया जाना चाहिए। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि विभिन्न जिम्मेदार एजेन्सियों से कार्य कराए लेकिन यहां तो हर एक एजेन्सी अपनी जिम्मेदारी से बच रही है।

हज़ारों लोग आते है घूमने

अधिवक्ता जैन द्वारा कहा गया कि पालीवाल पार्क में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग सुबह शाम आते हैं। याचिका में अनेक मुद्दे उठाये गये हैं। उनमें पार्क में से गुजरने वाली सड़कों तथा पार्क के आन्तरिक भागों को नियमित साफ सुथरा व हरा भरा रखने की बात है। पार्क में इन सड़कों पर रात्रि में अधिकांश स्ट्रीट लाईट नहीं जलती हैं।

यह भी कहा गया याचिका में

कुत्ते, सूअर व गाय को सड़कों और पार्क के आन्तरिक भागों से दूर रखा जाए। वॉकिंग ट्रेक्स धूलरहित हों। अपने आप उगे बबूल व विलायती बबूल को काटा जाए। गांधी नगर गेट से लगे हुए पार्क के कई एकड़ों के बड़े भाग में कांटेदार विलायती बबूल ने पूरी तरह घेर लिया है जहां से उसे हटाकर पार्क के रूप में विकसित किया जाना जरूरी है। पार्क में पर्याप्त जन सुविधाएं व सनशेड होनी चाहिए जिनका रख-रखाव व सफाई भी उचित होनी चाहिए।

क्षेत्र को बनाएं हरा भरा

याचिका में यह बात भी उठायी गयी है कि पार्क के एक बड़े भाग जहां अमरूद के पेड़ लगे हैं, उसे उद्यान विभाग द्वारा किराये पर उठाया जाता है और सामान्य जन के उपयोग में नहीं आता है। इस हिस्से को नियोजित रूप से हरा-भरा क्षेत्र बनाना चाहिए जो जन साधारण के लाभार्थ हो। पार्क में पर्याप्त संख्या में स्टॉफ भी होना चाहिए। वजीरपुरा से आने वाले नाले के पानी को शोधित कर उसे पार्क की सिंचाई में काम में लाना चाहिए। वजीरपुरा से लगा हुआ भाग बहुत गन्दा है जो साफ-सुथरा होना चाहिए।

प्रतिमाओं की सुरक्षा हो

क्वीन विक्टोरिया की 100 साल पुरानी प्रतिमाएं जो जॉन्स पब्लिक लाइब्रेरी के पास रखी हैं, उनकी सुरक्षा के लिए चौतरफा फेन्सिंग या बाउण्ड्री होनी चाहिए। पार्क में अनेक पुराने पेड़ गिर गये हैं जिनकी लकड़ी हटायी जानी चाहिए। जहां-जहां पार्क की बाउण्ड्री या फैन्सिंग टूटी हुयी है, वह ठीक होनी चाहिए।

वाहनों की गति निर्धारित हो

पार्क में से गुजरने वाले वाहनों की गति सीमा भी निर्धारित होनी चाहिए ताकि वहां पर घूमने वालों को तेज गति के कारण सड़क हादसों का शिकार न होना पड़े। यही नहीं, एक स्थाई मॉनिटरिंग कमेटी बननी चाहिए, जिसमें स्टेक होल्डर्स हों, जो सफाई व्यवस्था, हरियाली, पौधारोपण, सिंचाई, जन सुविधाऐं व सुरक्षा आदि सुविधाओं को मॉनीटर कर सके।

अब जगी उम्मीद

गुड मोर्निंग आगरा की ओर से बताया गया कि उम्मीद है कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद शासन द्वारा पालीवाल पार्क की दशा सुधारने के लिए ठोस योजना सभी से परामर्श करने के उपरान्त बनायी जायेगी। ताकि पार्क न केवल आगरा का ही बल्कि प्रदेश का उद्यान विभाग का जाना-माना पार्क बन सके।

कंपनी बाग प्रयागराज का दिया उदाहरण

अधिवक्ता राहुल अग्रवाल ने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा प्रयागराज में स्थित कम्पनी बाग उद्यान के सम्बन्ध में भी वर्ष 2014 में उच्च न्यायालय द्वारा विस्तृत आदेश किये थे, जिससे उसकी दशा में बड़ा परिवर्तन आ गया है। उसी तर्ज पर जनहित याचिका में भी आदेश करने की मांग की गयी है। याचिका में आगामी तिथि 24.05.2022 न्यायालय द्वारा नियत की गई है।

विधायक का जताया आभार

गुड मोर्निंग आगरा ने विधायक पुरूषोत्तम खण्डेलवाल द्वारा की गयी बड़ी पहल के लिए धन्यवाद दिया। संस्था के अन्य सदस्य डॉ. सुशील चन्द गुप्ता, अतुल गुप्ता, किशोर जैन, विजय सेठिया, रविशंकर, अजय बंसल, चन्द्र कुमार माहेश्वरी, मुकेश गर्ग, सुनील अग्रवाल, अनूप गुप्ता, संतोष माहेश्वरी आदि ने भी पार्क की दशा व व्यवस्थाओं में व्यापक सुधार की अपेक्षा की है ताकि अधिक से अधिक लोग पार्क से लाभ उठा सके।