आगरा: आत्महत्या रोकथाम को कॉलेजों में बनेगी हेल्पडेस्क

Press Release

आगरा: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर आगरा कॉलेज में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें छात्र-छात्राओं को आत्महत्या रोकथाम के प्रति विशेषज्ञों द्वारा जागरुक किया गया। इस अवसर पर जान है जहान है कार्यक्रम के तहत आगरा कॉलेज और बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय में हेल्प डेस्क बनाने को लेकर भी अनाउंसमेंट की गई।

कार्यक्रम में गैर संचारी रोगों को नोडल अधिकारी डॉ. पियूष जैन ने बताया कि गैर संचारी रोग भी अब चिंता का कारण बन रहे हैं। यह लगातार बढ़ रहे हैं। आत्महत्या के आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं, इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश में जान है जहान है कार्यक्रम के तहत एक हेल्पलाइन नंबर संचालित करने को लेकर कार्यक्रम चल रहा है। इस कार्यक्रम के तहत आगरा कॉलेज और बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय में हेल्पडेस्क स्थापित की जा रही है। इसमें तनाव रहने, नकारात्मक विचार हावी रहने पर छात्र-छात्राएं अपनी समस्या विशेषज्ञों को बता सकेंगे। इसके आधार पर उनकी स्क्रीनिंग करके उनका उपचार किया जाएगा।

एसएन मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विशाल सिन्हा ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध नियंत्रण ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार युवा और किशोरावस्था में ज्यादा आत्महत्या के मामले देखने को मिले हैं। ऐसे में कॉलेज में हेल्पडेस्क स्थापित होने से आत्महत्या जैसे नकारात्मक विचार को दूर किया जा सकेगा।

मानसिक चिकित्सालय आगरा के मनोचिकित्सक डॉ. दिनेश राठौर ने बताया कि घबराहट होना, किसी काम में मन न लगना, अकेले रहना, किसी से मिलने का मन न करना, मन उदास रहना जैसे विचार आएं तो मनोचिकित्सक से संपर्क करें।

आगरा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग शुक्ला ने बताया कि यदि आपके आसपास कोई हंसमुख व्यक्ति अचानक से शांत रहने लगे तो आप उससे बात करें और मनोचिकित्सक या काउंसलर से संपर्क करें।

बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. पूनम सिंह ने बताया कि हमें नकारात्मक विचारों को त्यागना चाहिए। लगातार नकारात्मक विचार आने से व्यक्ति अवसाद की ओर जाता है, तब जाकर वह आत्महत्या जैसा कदम उठाता है।

बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय की मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता निगम ने कहा कि यदि सही समय पर ऐसे लक्षणों की पहचान करके मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक से परामर्श लिया जाए तो आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाने से बचा जा सकता है।

धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अमित अग्रवाल ने दिया और संचालन आगरा कॉलेज की मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रचना सिंह ने किया।

छात्रा श्रुति ने बताया कि आज आत्महत्या जैसे मुद्दे पर विशेषज्ञों के द्वारा काफी जानकारी मिली, जो हम सभी के लिए जीवनभर काम आएगी।

छात्र राहुल ने बताया कि कार्यक्रम में पता चला कि आत्महत्या का विचार अचानक नहीं आता, कई सारे लक्षणों को पहले ही पहचानकर इसे रोका जा सकता है।

-up18news