आगरा: मासूम भाई को बचाने के लिए बदमाशों से भीड़ गई बहन, पुलिस ने दोनों अपहरणकर्ताओं को दबोचा, बच्चा बरामद

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आगरा:  थाना एत्मादपुर के छलेसर में रुपये न देने पर बाप-बेटे ने बच्चा का अपहरण कर लिया था। जब आरोपी बच्चे को घर के बाहर से उठाकर ले जा रहे थे तो उसकी बहन ने देख लिया था। भाई को बचाने को बहन अपहरणकर्ताओं से भिड़ गई। उसने एक अपहरणकर्ता को पकड़ लिया। भाई को बचाने को दूर तक घिसटती चली गई। अपहरणकर्ता ने कुल्हाड़ी से उसके हाथ पर प्रहार कर दिया। मगर, फिर भी उसने भाई को नहीं छोड़ा। भाई के लिए अपहरणकर्ताओं से भिड़ने वाली 16 साल की ट्विंकल ने बताया कि भाई के लिए उसने अपनी जान की परवाह नहीं की।

छलेसर के नगला नत्थू निवासी वीरेंद्र कुमार ने अपने गांव के बॉबी से दो लाख रुपये उधार लिए थे। इसमें एक लाख रुपये वापस कर दिए थे। एक लाख रुपये बकाया थे, वीरेंद्र ने महीने के अंत में रुपये लौटाने का वादा किया था। विगत 11 दिसंबर को बॉबी अपने 15 साल के बेटे को लेकर वीरेंद्र के घर पहुंचा। वीरेंद्र घर पर नहीं था। ऐसे में बॉबी ने घर के बाहर खेल रहे वीरेंद्र के पांच साल के बेटे मयंक को अपने बेटे की मदद से किडनैप कर लिया।

मयंक की छोटी बहन 12 साल की नेहा ने उसे रोकने का प्रयास किया। मगर, आरोपियों ने उसे धक्का दे दिया। बहन की रोने की आवाज सुनकर बड़ी बहन 16 साल की टिंकल बाहर आई। ट्विंकल ने बताया कि उसने देखा कि दो लोग उसके भाई को जबरन उठाकर ले जा रहे हैं। ऐसे में वह उनके पीछे भागी। उसने अपने भाई को पकड़ लिया। उसे दोनों की पकड़ से छुड़ाने के लिए भिड़ गई। आरोपियों ने उसके घूंसे मारे। मगर, उसने भाई को नहीं छोड़ा।

एक बार को उसको लगा कि वह अपने भाई को छुड़ा लेगी। मगर, बदमाशों को लगा कि ट्विंकल भारी पड़ रही है तो वीरेंद्र ने ट्विंकल का हाथ छुड़ाने के लिए कुल्हाड़ी से उसके हाथ पर प्रहार कर दिया। कुल्हाड़ी लगते ही टिंकल दर्द से चीख पड़ी। उसकी पकड़ ढीली पड़ गई। मगर, फिर भी एक हाथ से उसने आरोपी को पकड़े रखा। भाई को बचाने में वह गिर गई और काफी दूर तक घिसटती गई। एक हाथ से खून बहने के बाद भी उसने भाई को बचाने का भरसक प्रयास किया। मगर, बदमाश उसका अपहरण करके ले जाने में कामयाब रहे।

इसके बाद ट्विंकल ने दुकान पर जाकर अपने पिता को भाई के अपहरण की सूचना दी। पिता वीरेंद्र ने पुलिस को फोन किया। पुलिस तत्काल एक्टिव हो गई। आरोपी की लोकेशन निकाली गई। वीरेंद्र ने बताया कि आरोपी के फोन पर घंटी जा रही थी, लेकिन वह फोन नहीं उठा रहा था। जब गांव के प्रधान ने फोन किया तो उसने फोन उठा लिया। प्रधान ने कहाकि पुलिस की कई टीमें उसका पीछा कर रही हैं। अगर उसने बच्चे को नहीं छोड़ा तो उसका एनकाउंटर हो जाएगा। इससे आरोपी डर गया। वह बलदेव तक बच्चे को ले जा चुका था। मगर, डर के कारण वापस लौटने लगा। पुलिस ने रास्ते में उसे पकड़ लिया।

ट्विंकल ने बताया कि रात को जब उसका भाई वापस आया तो वह उससे लिपट कर खूब रोई। उसका मलाल था कि उसके सामने से भाई को उठाकर ले गए। मगर, गांव वाले ट्विंकल के साहस की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। ट्विंकल के स्कूल अवंती बाई कन्या इंटर कॉलेज के प्रबंधक अमितराज लोधी ने छात्रा के साहस की तारीफ करते हुए उसका सम्मान किया।

-एजेंसी