आगरा। आगरा यातायात पुलिस भले ही लगातार अभियान चला कर कार्रवाई कर रही हो लेकिन अभियान का कोई फर्क नहीं पड़ रहा है दोपहिया वाहन चालक टेंपो चालक सरकारी एंबुलेंस नियमों को पलीता लगा रहे हैं
क्या है सिस्टम क्यों नहीं होती करवाई
इस बार आगरा यातायात पुलिस का कोडवर्ड सिस्टम रखा गया है चौराहे पर लगे हुए ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर या पुलिसकर्मी ट्रैक्टर कार्रवाई के लिए रोक लेते हैं तो वहां नाम आता है सिस्टम में चल रहे हैं क्या है यह सिस्टम किसने बनाया यह सिस्टम चौराहे पर लगे हुए ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर कतरने लगते हैं लेकिन आज रामबाग चौराहे पर सिस्टम पर कार्यवाही होकर ही रही ईटों से भरे ट्रैक्टर सड़क पर फर्राटा भर रहे थे तभी सिस्टम मैं चल रहा ट्रैक्टर पड़ जाता है और उसे पर ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर शैलेंद्र प्रताप सिंह 38000 जुर्माना लगाकर कार्रवाई कर देते हैं यहां हुआ सिस्टम धराशाई
चौराहे पर पुलिसकर्मियों के सामने बिना नंबर की दौड़ती एम्बुलेंस
चौराहे पर अगर आम व्यक्ति वाहन लेकर पहुंच जाए तुरंत पकड़ लिया जाता है और उस पर जुर्माने के साथ-साथ बड़ी कार्रवाई भी कर दी जाती है सरकारी एंबुलेंस बिना नंबर प्लेट के सडक पर धड़ल्ले से दौड़ती नजर आ रही हैं
बिना हेलमेट के दौड़ते बाइक सवार
रामबाग चौराहे पर बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चालक मोटरसाइकिल लेकर इधर से उधर सड़क पर फर्राटा भरते हुए नजर आ रहे हैं और यह यातायात नियमों को तांक पर रखकर अभियान की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं लेकिन यातायात पुलिस बाहर के नंबरों की गाड़ियों और नो एंट्री में ट्रैकों की एंट्री और चौराहे पर डग्गामार बसों को लगवाने में लगी रहती है क्योंकि यह लोग यहां पर भोग जो लगाते हैं
देहात परमिट के टेम्पो को नगर निगम सीमा में चलते
आगरा आरटीओ विभाग ने लाल कलर के टेंपो को देहात क्षेत्र में चलने का परमिट दिया है लेकिन यह लाल कलर पर हरा कलर कर कर नगर निगम सीमा क्षेत्र में चल रहे हैं और पुलिस इन से बेखबर है पुलिस के सामने से यह हर 2 मिनट में सवारियां चौराहे से भरते हुए देखे जा सकते हैं लेकिन पुलिस इन पर भी कार्रवाई नहीं करती नजर आती है क्योंकि टेंपो पकड़ जाते ही ठेकेदारों के कर्मचारी छुड़वाने के लिए पहुंच जाते हैं और पुलिस को उनके दबाव में आकर टेंपो छोड़ने पड़ते हैं कहीं यह भी तो यातायात पुलिस का सिस्टम कोड तो नहीं है
परिवहन विभाग की बसों की तरह कलर कर कर चल रही डग्गामार
नेशनल हाईवे हो या अलीगढ़ हाईवे या हो मथुरा हाईवे इन रोडो पर रोडवेज विभाग की बसों जैसा कलर चढ़ाकर प्राइवेट बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं यात्रियों को भ्रमित कर उनसे अधिक रुपए वसूलकर उनकी यात्रा को गंतव्य की ओर पहुंचाया जाता है
चेतावनी बोर्ड लगे होने के बाद भी वाटर बॉक्स चौराहे से भरी जाती बसें
परिवहन विभाग के द्वारा वाटर बॉक्स फ्लाई ओवर के नीचे चेतावनी बोर्ड लगा दिया गया है अगर प्रतिबंधित जगह से सवारियां उठने या चढ़ाते पकड़े जाते हैं तो उसके स्वयं जिम्मेदार चालक और परिचालक होंगे लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों के आदेशों की भी यह यह परिचालक नहीं मानते चौराहे पर ही बसों को लगा दिया जाता है और पुर चौराहा जाम कर दिया जाता है
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