Agra News: मकान हादसे के पीड़ित परिवार को मुआवजा देने पहुंचे कैबिनेट मंत्री बोले- ‘मैं अलग टाइप का नेता हूं, चेक चाहिए या नहीं’

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आगरा: पहले आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने ऐसा घाव दिया कि वो किसी भी दवा से भर नहीं सकता लेकिन कैबिनेट मंत्री ने आर्थिक मदद देने के बहाने इस घाव पर नमक ही छिड़क दिया। पीड़ित ने उनसे कुछ कहा जिस पर कैबिनेट मंत्री भड़क गए और धमकाते हुए लहजे में दो टूक शब्दों में कहा कि ‘चेक लेना है तो लो नहीं तो वापस कर दो। उन्होंने इसी लहजे में कहा कि दोषी बिेल्डर को जेल भिजवा दिया और क्या चाहिए। मैं दूसरे टाइप का नेता हूं, अगर सच बोल दूंगा तो आपको बुरा लग जाएगा। जब यह अनऑथराइज्ड काम चल रहा था तो आपने रोका क्यों नहीं, हमसे भी शिकायत नहीं की।’

सरकारी मुआवजा देने के लिए पहुंचे थे कैबिनेट मंत्री

सिटी स्टेशन रोड स्थित टीला माईथान में गणतंत्र दिवस की पावन पर्व की तड़के सुबह ही 3 मंजिला इमारत अचानक से धराशाई हो गई। पुरानी धर्मशाला के गिरने का मुख्य कारण बेसमेंट की खुदाई में होना थी। इस हादसे में 4 साल की बालिका की मौत हो गयी थी और 3 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। सूचना मिलते ही कैबिनेट मंत्री मौके पर पहुँचे थे और सांत्वना दी थी। आज भी कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय पीड़ित परिवार को सरकारी मदद का चेक देने के लिए आये थे। इस दौरान पीड़ित ने अपनी पीड़ा उन्हें बताना चाही तो मंत्री ने उनकी सुनी नहीं बल्कि उनकी बात पर भड़क गए और असंवेदनशील व्यक्तव्य कहा जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

मैं अलग टाइप का नेता हूं, चेक चाहिए या नहीं’

तीन मंजिला इमारत के धराशाई मामले में कैबिनेट मंत्री सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर पीड़ितों से बातचीत करने और सहायता राशि पहुंचाने के लिए गए थे लेकिन पीड़ित से वार्ता के दौरान उनकी भाषा सांत्वना देने वाली नहीं बल्कि धमकाने वाली नजर आई। उन्होंने पीड़ितों को धमकाते हुई लहजे में कहा कि मैं अलग टाइप का नेता हूं ,चेक चाहिए या नहीं’। केबिनेट मंत्री की इस लहजे ने हादसे के पीड़ित परिवार की जख्म और घाव पर मरहम नहीं लगाया बल्कि जले पर नमक छिड़कने का काम कर दिया।

कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि आप लोगों के जो लोग अस्पताल में भर्ती हैं उसका पूरा खर्च सरकार उठाएगी। आपको किसी भी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है। जो भी चिकित्सीय सुविधाएं होंगी उसके लिए सरकार खड़ी है और सरकार सभी घायलों का उचित इलाज कराएगी। आपको सिर्फ अपने परिवार की देखरेख करनी है पैसे की चिंता नहीं करनी।

लोगों में भी दिखा आक्रोश

कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय की तीखी और तल्ख टिप्पणी सुनकर पीड़ित ही नहीं बल्कि आसपास खड़े लोग भी आक्रोशित दिखाई दिए। लोग खुलकर तो कुछ नहीं कह सके लेकिन उनके जाने के बाद चारों ओर सिर्फ यही चर्चा चल रही थी की कैबिनेट मंत्री को इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए थी। कैबिनेट मंत्री पीड़ित परिवार के जख्म पर मरहम लगाने बजाए उस घाव को और कुदेरने का काम कर गए हैं।

कार्यवाही से नाखुश था पीड़ित परिवार

इस पूरी घटना में 3 लोग घायल हो गये, वहीं एक 4 साल की मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई। इसके बाद से प्रशासन हरकत में आया और मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा। सरकार के नुमाइंदे ही बनकर कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय आज पहुंचे थे। योगेंद्र उपाध्याय से पीड़ितों ने चेक लेने से मना किया तो योगेंद्र उपाध्याय पीड़ितों को दबाव बनाकर चेक देते नजर आए। मृतक बच्ची के दादा मुकेश शर्मा प्रशासन की अब तक की गई इस कार्रवाई से नाखुश हैं।

कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार योगेंद्र उपाध्याय के घटनास्थल से चले जाने के बाद मृतक बच्ची के द्वारा पत्रकारों से रूबरू हुए। पत्रकारों से उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय आए थे। सरकारी मदद के लिए चेक दे रहे थे लेकिन उनकी बातों से लग ही नहीं रहा था कि वह मदद कर रहे हैं बल्कि ऐसा लग रहा था कि जैसे धमकाते हुए वह मदद का चेक दे रहे हैं।