आगरा। अंजली बजाज का हत्यारोपी प्रखर बेहद शातिर दिमाग है। वह थ्रिलर वेबसीरीज और सीरियल देखना पसंद करता है। पकड़े जाने के बाद प्रखर ने पूछताछ में पुलिस को घुमाना शुरू कर दिया था। वह पुलिस से डरने की जगह उसके हर सवाल पर सवाल उठा रहा था। वह पुलिस पर हावी होने का प्रयास कर रहा था।
प्रखर की नजर कारोबारी उदित बजाज की दौलत पर थी। इसीलिए कारोबारी की इकलौती बेटी से दोस्ती की थी। उसे लगता था कि कुछ समय बाद यह सब कुछ उसका होगा। अंजली बजाज प्रखर की चाल को अच्छी तरह से जान गई थीं। वह बेटी को उससे अलग होने के लिए समझा रही थीं। प्रखर को लगा कि करोड़ों की संपत्ति हाथ से निकल जाएगी तो उसने अंजली बजाज की हत्या कर दी।
पूछताछ में पुलिस के सवालों पर प्रखर अपने सवाल दाग रहा था। हर कदम पर उलझा रहा था। कभी कहता कि अकेले में बात करेगा। जो चाहो पूछ लो। पुलिस अकेले में पूछताछ करती ताे कहने लगता कि उसे क्यों फंसा रहे हो। किसी निर्दोष को जेल भेजकर क्या मिलेगा।
उसके इस तरीके काे देखने के बाद पुलिस ने कारोबारी की बेटी से बातचीत की। पता चला कि वह थ्रिलर वेबसीरीज और सीरियल देखना पसंद करता है। पुलिस को समझते देर नहीं लगी कि वह वेब सीरीज से सीखे दांव पेंच का प्रयाेग कर रहा है।
इसके बाद पुलिस ने पूछताछ का तरीका बदला। उसकी मां और छोटे भाई को बुलाया और कहा कि वह सच बता दे, गुमराह किया या झूठ बोला तो उसके साथ मां भी जेल जाएगी। इसके बाद वह पुलिस को सब बताने को तैयार हो गया। उसने बताया कि अंजली बजाज उसकी दोस्ती में बाधक बन गई थीं। उन्हें दोनों की दोस्ती का पता चल गया था। वह उसे किसी न किसी आरेाप में जेल भिजवा देेतीं। अंजली के दबाव में उनकी बेटी भी उससे अलग हो सकती थी।
पुलिस छानबीन में सामने आया कि प्रखर की योजना कारोबारी की बेटी को अपने साथ लेकर जाने की थी। अंजली बजाज यदि नहीं मानती तो वह उनकी हत्या कर देता। बेटी को बता देता कि मां उनकी दोस्ती बरकरार रखने को तैयार नहीं है। उसे किसी दूसरे राज्य में लेकर जाने की तैयारी थी, जिससे बेटी को मां की हत्या को जानकारी नहीं लग सकेगी।
प्रखर ने उसे बताया कि उसके पास दो वर्ष तक का खर्चा चलाने को जमा पूंजी है। इसी दौरान वह कोई व्यापार कर लेगा। सारे काम उसकी योजना के अनुसार हो रहे थे। कारोबारी द्वारा बेटी को फोन करने से प्रखर की योजना फेल हो गई। पिता ने अपने दुर्घटना में घायल होने की बात बेटी को मोबाइल फोन पर बताई। वह सीधे घर पहुंच गई। प्रखर उसे अपने साथ नहीं ले सका।
प्रखर की मां को पुत्र की हरकत का पता चला ताे उनकी आंखों में आंसू थे। पुलिस से उनका कहना था कि पुत्र की कारोबारी की बेटी से दोस्ती की उन्हें भनक नहीं थी। पता होता तो यह नौबत नहीं आती। पैतृक गांव गंजडुंडवारा में रंजिश में परिवार में दो लोगों की हत्या हो गई। पहले ससुर को मारा गया, वर्ष 2013 में पति की हत्या कर दी गई।
दोनों बेटों की बेहतर परवरिश के लिए वह गांव से आगरा आ गई थीं। बेटे की हर इच्छा को पूरा किया। एक वर्ष पहले बाइक की जिद की। उन्होंने पौने दो लाख रुपये जुटाकर उसे बाइक दिलाई थी। महंगा मोबाइल फोन दिलाया, जिससे कि वह पिता के बाद कोई कमी महसूस न करे। बड़ा होकर अपना भविष्य बनाए। बेटे ने अय्याशी में सब कुछ बर्बाद कर दिया। वह उनसे सारी बात बताता था। यदि दोस्ती की बात भी बता देता तो यह दिन नहीं देखना पड़ता। मां का कहना था कि प्रखर उनसे केदारनाथ धाम यात्रा की कहकर गया था। यदि वह जिद करता तो कारोबारी परिवार से मिलने जातीं। उन्हें मनाने का प्रयास करतीं।
Compiled- up18 News
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