आगरा: शहर के बिल्डरों ने फ्लैट देने के नाम पर दिवंगत जिला जज के परिवार के साथ धोखाधड़ी की। उन पर आरोप है कि जिला जज के कूटरचित हस्ताक्षर का इकरारनामा तैयार करा लिया गया। थाना हरिपर्वत में बिल्डरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। दिवंगत जिला जज के पुत्र द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में सूर्या इन्फ्राबिल्ड (आई) प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकगणों को अभियुक्त बनाया गया है।
दिवंगत जिला जज के पुत्र बाग फरजाना मार्ग निवासी अमित गुप्ता का कहना है कि पुलिस ने पहले इस मामले की अनदेखी की, लेकिन बाद में अदालत के निर्देश पर बिल्डर और उसके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। अभियुक्तों के खिलाफ धारा 420, 465, 467, 468, 471, 120बी आईपीसी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी में सूर्या इन्फ्राबिल्ड (आई) प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकगण प्रमोद कुमार अग्रवाल, विनोद कुमार गुप्ता, चंदर कपूर, सुशील कुमार चौहान, प्रतीक सिंघल, जगदीश कपूर, राजेश गोयल के नाम शामिल हैं।
अमित गुप्ता का कहना है कि उसके पिता अभय कुमार गुप्ता वर्ष 2011 में कन्नौज से जिला जज के पद से सेवानिवृत हुए थे। अभय कुमार गुप्ता ने वर्ष 2012 में इन बिल्डरों द्वारा बनवाए गए सूर्या गोल्ड अपार्टमेन्ट, विजय नगर कालोनी में एक फ्लैट बुक कराया, जिसका नम्बर 203 था। एफआईआर में कहा गया है कि विपक्षीगणों ने फ्लैट में शेष रह गए कार्य छह माह में पूरे कर देने का आश्वासन देते हुए सेवानिवृत जज से करीब 53 लाख रुपये लेकर उनके नाम नौ अप्रैल, 2014 को रजिस्ट्री बैनामा कर दिया।
लेकिन विपक्षीगण ने न तो फ्लैट में तयशुदा कार्य पूर्ण किये और न ही आवश्यक प्रमाणपत्र दिया। इस पर सेवानिवृत जज अभय कुमार गुप्ता ने राज्य उपभोक्ता आयोग लखनऊ के न्यायालय में वाद दायर कर दिया। इस बीच अभय कुमार गुप्ता का 14 दिसम्बर, 2020 को स्वर्गवास हो गया। बतौर वारिसान उक्त वाद की पैरवी उनके पुत्र अमित गुप्ता और उसकी मां ने की। राज्य उपभोक्ता आयोग ने आठ अगस्त, 2022 को विपक्षीगण एवं उनकी फर्म मैसर्स सूर्या इन्फाबिल्ड (आई) प्राइवेट लिमिटेड के विरुद्ध आदेश पारित किया और उन्हें आर्थिक रूप से भी दण्डित किया। बिल्डर और उसके सहयोगी इस आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में चले गए।
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि विपक्षीगण ने अमित गुप्ता के पिता की अचानक मृत्यु का फायदा उठाते हुये एक एग्रीमेन्ट फर्जी तरीके से 26 अगस्त, 2020 को स्व अभय कुमार गुप्ता के कूटरचित हस्ताक्षर से तैयार कर लिया। इस एग्रीमेंट के स्टाम्प पर राजेश गोयल स्टाम्प वेंडर के हस्ताक्षर व मुहर है जिसका इन्दराज उसके स्टाम्प बिकी रजिस्टर में नहीं है और न ही सम्बन्धित रजिस्टर का जिलाधिकारी कार्यालय में दाखिला है।
अमित गुप्ता ने कहा कि कूटरचित फर्जी इकरारनामे के सम्बन्ध में राज्य उपभोक्ता आयोग में मुकदमे के लम्बित रहने के दौरान निर्णय तक एक भी शब्द विपक्षीगण ने न्यायालय में नहीं कहा। यही नहीं, राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में की गयी अपील में भी उक्त फर्जी इकरारनामे का कोई हवाला नहीं दिया गया। लेकिन बिल्डरों ने कूटरचित इकरारनामे को आधार बनाकर बैनामा निरस्तीकरण हेतु दीवानी न्यायालय वाद दायर कर दिया। इसका पता चलते ही अमित गुप्ता ने पुलिस कमिश्नर से इसकी शिकायत की, लेकिन पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। इस पर अमित गुप्ता ने न्यायालय का सहारा लिया और कोर्ट के आदेश पर बिल्डरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
Compiled: up18 News
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