Agra News: बीजेपी नेता द्वारा नाबालिक लड़की का उत्पीड़न- मौत मामला, पुलिस बोली..छात्रा ने की आत्महत्या, शाररिक शोषण की बात से इंकार नही

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डीसीपी ने कहा रिपोर्ट में आया हैंगिग, एसओ खंदौली बोले पीएम रिपोर्ट नहीं आई
पुलिस ने रात में ही जबरन करा दिया था बच्ची का अंतिम संस्कार

आगरा। खंदौली थाने क्षेत्र के गांव में सातवीं कक्षा की छात्रा की मौत के बाद राजनीति गर्मा गई है। विपक्षी दल सोशल मीडिया पर आरोपी के भाजपा नेताओं संग खिचवाये फोटो को वायरल कर रहे हैं। लिख रहे हैं कि बीजेपी नेता खुद बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नारे पर तोहमत लगवाने का काम कर रहे हैं। लोग फेसबुक, टिवट्र कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस भी पूरे मामले में सत्ताधारियों के दबाव में है।

बच्ची के पोस्टमार्टम से लेकर अंतिम संस्कार में निष्पक्ष दिखाई नहीं दी है। लोगों का आरोप है कि पीएम रिपोर्ट उजागर नहीं की है। बच्ची का अंतिम-संस्कार रात में ही जबरन करवा गया। परिजनों और वहां मौजूद लोगों के मोबाइल नंबर छीन लिये गये। पीएम रिपोर्ट की जानकारी मांगने पर थाने से लेकर डीसीपी तक अलग-अलग बयान हैं। यह सब करके पुलिस क्या साबित करना चाहती है, यह तो उससे बेहतर कोई नहीं बता सकता। लेकिन पब्लिक है यह सब जानती है…

आगरा पुलिस हेड क्वाटर से तीस किमी दूर खंदौली में आगरा-जलेसर रोड मार्ग पर स्थित गांव में प्रजापति समाज की सांतवी कक्षा की छात्रा ने रविवार को आत्महत्या कर अपनी जान दे दी। पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सबूत के आधार पर भाजपा ब्रज क्षेत्र के कार्यकरणी सदस्य राघवेन्द्र चौहान को गिरफ्तार कर सोमवार को जेल भेज दिया। राघवेन्द्र पर आरोप हैं कि उसने अपनी बेटी की सहेली, जो कि उसी के साथ कक्षा में पढ़ती थी। उसका मानसिक और शाररिक शोषण किया। जिससे उसने परेशान होकर अपनी जान दी है। पुलिस को बच्ची के मोबाइल डिटेल से जानकारी मिली कि भाजपा नेता उससे घंटो मोबाइल से बात करता था। कई हजार सैकेंड की डिटेल प्राप्त हुई है। पुलिस ने माना कि आखिर वह बच्ची से ऐसी क्या बात करता था। जिसके लिए उसे कई घंटे बात करने पढ़ते थे। उसी को साक्ष्य मानते हुए राघवेन्द्र को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का दोषी माना।

आरोपी अपनी गाड़ी से पहुंचा निजी अस्पताल

रविवार को बच्ची घर में कुंदे पर लटकी मिली थी। परिजन उसे आनन-फानन में मोटरसाइकिल से ही ट्रांसयमुना स्थित एक निजी अस्पताल में ले गये। बच्ची मर चुकी थी, इसलिए उसे एसएन ले जाने को कहा गया। परिजनों के करीबी ने बताया कि आरोपी राघवेन्द्र अपनी लाल कलर की इंडीवर गाड़ी से निजी अस्पताल में पहुंचा था। उसने अपना मुंह छुपा रखा था। जब उसे यह जानकारी हो गई कि बच्ची मर गई है, तो वह गाड़ी लेकर भाग गया। पुलिस चाहे तो अस्पताल में लगे सीसीटीवी चेक कर साक्ष्य ले सकती है।

रात में ही करा दिया अंतिम-संस्कार

14 साल की बच्ची का पोस्टमार्टम एक बार हो चुका था। उसके बाद फिर से डॉक्टर के एक पैनल से पीएम कराया गया। इसके लिए बच्ची के पिता से 2500 रुपये जमा करवाये गये। रात 10 से 11 बजे के बीच पोस्टमार्टम हो गया। परिवार के लोगों को वहां से भगा दिया था। सिर्फ चार लोगों को ही रुकने दिया। आरोपी पक्ष के लोग पोस्टमार्टम हाउस के पास ईधर-उधर छिपकर नजर रखे हुए थे। रात में ही पुलिस बच्ची के शव को लेकर गांव गई। ग्रामीणों के अनुसार रात एक बजे के बाद अंतिम-संस्कार करा दिया। आरोप है कि इस दौरान वहां मौजूद लोगों के मोबाइल छीन लिये गये। मोबाइल क्यों जमा कराये। यह बात वहां खड़े लोगों के समझ में नहीं आया। इस मामले में एसओ खंदौली नीरज कुमार मिश्र ने बताया कि अंतिम संस्कार सुबह पांच बजे हुआ है। वहीं पुलिस में ही कुछेक का कहना है कि मंगलवार 11 बजे करीब हुआ है।

पीएम रिपोर्ट पर हकला रही पुलिस

अमूमन पोस्टमार्टम के बाद रिपोर्ट साफ हो जाती है। जहर खाने के मामलों में विसरा सुरक्षित किया जाता है। लेकिन, रेप, आत्महत्या जैसे मामलों में सबकुछ साफ हो जाता है। इस मामले में एसओ खंदौली कहते हैं कि अभी पीएम रिपोर्ट नहीं आई है। ठीक उसी दौरान डीसीपी पश्चिम सोनम कुमार से बात हुई। उन्होंने बताया कि पीएम रिपोर्ट आ गई है। उसमें हैंगिग (आत्महत्या की है) आया है। दुरााचार या दुष्कर्म की पूछने पर वह चुप हो गये, लेकिन उन्होंने बताया कि स्लाइड सुरक्षित रख ली है। फॉरसिंक लैब में भेजी जायेगी। बतादें कि रुनकता में छह दिन पहले किशोरी के साथ हैवानियत हुई। वह भी 14 साल की थी। पुलिस ने शुरू में तो दुराचार के मामले को दबाये रखा। लेकिन बाद में गैंगरेप की धाराओं में कार्रवाई की। यहां मामले में लेटलतीफी करने का मतलब पुलिस आरोपी पर शिकंजे की पकड़ डीली करती दिख रही है।

परिजन जानते थे, लेकिन डर और दहशत में रहे चुप

पीड़ित का गांव मुख्य मार्ग पर है। गांव के किनारे से दाहिने हाथ पर जा रही रास्ता आरोपी के गांव के लिए है। दोनों की दूरी महज 800 मीटर होगी। पीड़िता के गांव में शराब ठेका है। ग्रामीणों का कहना है कि राघवेन्द्र की लाल कलर की लंबी सी गाड़ी पूरा गांव पहचानता है। उसका लड़की के घर आना-जाना था। रात नौ बजे शराब ठेके पर गाड़ी लगाकर घंटो मोबाइल पर बात करता। परिवार के लोग सो जाते, तो वह घर में घुस जाता। राघवेन्द्र का अपराधिक इतिहास भी है। उसके ऊपर चार थानों में मुकदमें दर्ज हैं। क्षेत्र में उसकी गिनती पैसे वालों और दबंंगों में होती है। उसके परिवार का क्षेत्र में दबदबा है। चुनाव विधानसभा का हो या लोकसभा का, उसके घर के दरवाजे से ही प्रचार शुरू होता है।

गांव में ये भी है चर्चा

बेटी की सहेली का वह पिछले दो साल से शाररिक शोषण कर रहा था। पीड़ित परिवार के घर में कुछ भी हो आरोपी राघवेन्द्र चौहान आखिरी मोहर लगाता था। बच्ची का पिता सीधा है। वह कलक्टे्रट में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। सोमवार से उसका मोबाइल नंबर बंद है। गांव के लोग कह रहे हैं कि प्रजापति समाज के लोग गरीब हैं। ठाकुरों का क्षेत्र है। इनसे लड़ाई करके यहां रहना मुश्किल है। पीड़ित परिवार भूमिहीन हैं। गांव में ऐसे लोगों को आज भी जूते की नौक पर रखते हैं। पीड़ित परिवार पर समझौते का दबाव है।

सोनम कुमार- डीसीपी पश्चिम कमिश्नरेट आगरा।

पीएम रिपोर्ट में हैंगिंग आया है। बच्ची ने आत्महत्या की है। स्लाइड सुरक्षित रख ली है। उसमें जो भी रिपोर्ट आयेगी। उसके आधार पर मुकदमें में धाराएं बढ़ाई जायेगी।

साभार- अग्र भारत