आगरा: ब्रज की पावन परंपराओं, गहन भक्तिभाव और सेवा–समर्पण की अनुपम छवि उस समय देखने को मिली, जब श्री गिरिराज जी सेवक मंडल परिवार, आगरा द्वारा श्रद्धा और उल्लास से ओत–प्रोत भव्य आमंत्रण यात्रा निकाली गई। ढोल–ताशों की गूंज, पुष्पवर्षा और “गिरिराज महाराज की जय” के जयघोषों के बीच यह यात्रा रावतपाड़ा से प्रारंभ होकर किनारी बाजार, जौहरी बाजार, सुभाष बाजार, दरेसी, घटिया, सिटी स्टेशन मार्ग, धूलियागंज, बेलनगंज सहित नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरी और पूरे शहर को भक्तिरस से सराबोर कर गई।
गोवर्धन महोत्सव का आमंत्रण पहुंचा घर–घर
आमंत्रण यात्रा का मुख्य उद्देश्य श्री गुरु कार्ष्णि आश्रम, बड़ी परिक्रमा मार्ग, आन्योर (गोवर्धन) में 21 और 22 दिसंबर को आयोजित होने वाले दो दिवसीय श्री गिरिराज जी छप्पन भोग मनोरथ एवं महोत्सव का संदेश जन–जन तक पहुंचाना रहा।
आरती–पूजन के साथ हुआ मंगल आरंभ
यात्रा का विधिवत शुभारंभ रावतपाड़ा पर श्री गिरिराज जी की आरती के साथ हुआ। कार्ष्णि गुरु हरिमोहन महाराज के सान्निध्य में चरण सेवकों ने विधिवत पूजन संपन्न कराया। परंपरानुसार नारियल फोड़ने की रस्म के साथ यात्रा को शुभ और मंगलमय प्रारंभ मिला।
झांकियों और अश्व रथ ने बढ़ाई यात्रा की भव्यता
यात्रा की अगुवाई ऊंटों और घोड़ों ने की। सबसे आगे प्रथम पूज्य भगवान गणेश की झांकी, इसके बाद महाकाल और भगवान जगन्नाथ जी की झलक दिखाई दी। अंत में अश्व रथ पर विराजमान श्री गिरिराज जी महाराज की दिव्य सवारी नगर भ्रमण पर निकली। भजन–कीर्तन, ढोल–नगाड़ों और जयघोषों के साथ श्रद्धालुओं ने पूरे नगर को भक्तिमय बना दिया।
माखन–मिश्री के भोग से झलकी ब्रज परंपरा
ब्रज की मधुर संस्कृति को जीवंत करते हुए यात्रा के दौरान 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को माखन–मिश्री का भोग वितरित किया गया। नगरवासियों ने अपने घरों और दुकानों को सजाकर पुष्पवर्षा के साथ गिरिराज महाराज का भावपूर्ण स्वागत किया।
सिंह द्वारों और पुष्पवर्षा से सजे मार्ग
आमंत्रण यात्रा के स्वागत के लिए मार्ग में 11 भव्य सिंह द्वार बनाए गए थे। इसके साथ ही 50 से अधिक स्थानों पर आरती, पुष्पवर्षा और प्रसाद वितरण किया गया। जौहरी बाजार स्थित पातालपुरी हनुमान मंदिर पर यात्रा का विशेष पड़ाव रहा, जहां 251 दीपकों से श्री गिरिराज जी की महाआरती कर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।
पारंपरिक परिधान में सजी श्रद्धालुओं की सहभागिता
यात्रा में शामिल चरण सेवक–सेविकाएं पारंपरिक वेशभूषा में नजर आईं। पुरुष धानी परिधान में और महिलाएं गुलाबी परिधान में सुसज्जित होकर ब्रज संस्कृति की जीवंत झलक प्रस्तुत कर रही थीं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु, समाजसेवी और परिवारजन भी इस धार्मिक यात्रा में सहभागी बने।
मेहंदी से लेकर छप्पन भोग तक होंगे आयोजन
चरण सेवकों ने बताया कि 18 दिसंबर को गिरिराज महाराज के नाम की पारंपरिक मेहंदी और भजन संध्या आयोजित की जाएगी। इसके पश्चात 21 और 22 दिसंबर को दो दिवसीय श्री गिरिराज जी छप्पन भोग मनोरथ एवं महोत्सव का भव्य आयोजन होगा, जिसमें दिव्य श्रृंगार, छप्पन भोग अर्पण, भजन–कीर्तन, साधु सेवा और विशाल प्रसाद वितरण किया जाएगा।
श्रद्धा और सेवा से सजी ब्रज परंपरा का उत्सव
आयोजकों के अनुसार यह आयोजन सेवा, समर्पण और श्रद्धा से ओत–प्रोत होकर ब्रज संस्कृति की अमर परंपरा को सजीव रूप में प्रस्तुत करेगा। उन्होंने समस्त नगरवासियों और श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इन पावन आयोजनों में सहभागी बनकर श्री गिरिराज महाराज की कृपा प्राप्त करें।आ

