आगरा: यमुना की तलहटी में रविवार को आग लगी और कुछ ही देर में दूर तक फैल गई। मोक्षधाम के पीछे यमुना की तलहटी में झाड़ियां और कचरा सुलगता रहा। इससे ताजमहल धुएं के गुबार में छिप गया। स्ट्रेची ब्रिज से ताजमहल साफ दिखाई नहीं दिया। मोक्षधाम आने वाले लोगों को भी इस धुएं से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। घंटो तक यमुना की तलहटी में सुलगती आग से धुआं उठता रहा और जिम्मेदार आंख बंद कर सोते रहे।
ताजमहल क्षेत्र पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील है। यहां खुले में आग जलाने व धुंआ फैलाने पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के बारे में अधिकारी लापरवाह बने रहे। लोगों ने बताया कि मोक्षधाम के पीछे यमीनार की तलहटी में आग सुलग रही है। झाड़ियां जल रही है जिसके धुएं से हर किसी को परेशानी हो रही है। वहीं वातावरण भी खराब हो रहा है। इतना ही नहीं ताजमहल भी धुंधला दिखाई दे रहा है।
ताजमहल के 60 वर्ग किमी. में ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) है। मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी उसकी अध्यक्ष हैं। सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण व पर्यावरण की दृष्टि से क्षेत्र संवेदनशील घोषित किया है लेकिन अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं। यमुना की तलहटी में मई महीने में तीन बार आग लगी थी। आज फिर आग सुलगती दिखाई दी। इससे वायु प्रदूषण मानकों की धज्जियां उड़ रही हैं और जिम्मेदार मूक-बधिर बने हुए हैं। लोगों का कहना है कि यमुना नदी सूख गई है। नदी में पानी नहीं बचा। ऐसे में दिनभर जुआरियों के फड़ यहां लगे रहते हैं। पुलिस भी निगरानी नहीं करती।
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