आगरा: ताजगंज निवासी पूर्व फौजी शिशुपाल को फ्री में फास्टैग बनाने का लालच देकर साइबर अपराधियों ने खाते से 6.87 लाख रुपये निकाल लिए। ठगी की रकम से जामतारा के साइबर अपराधियों ने 1.87 लाख रुपये की आनलाइन खरीदारी की।
ठगों ने तीन लाख रुपये कोलकाता में विभिन्न एटीएम से निकाले। दो लाख रुपये दूसरे खातों में स्थानांतरित किए। पूर्व फौजी का आरोप है कि रकम निकालने के एक घंटे के अंदर उन्होंने साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930, बैंक और साइबर सेल को शिकायत कर दी। इसके बावजूद उनकी रकम जिन खातों में गई थी, उन्हें फ्रीज नहीं किया गया।
आश्रय विहार, एकता चौकी शमसाबाद रोड निवासी शिशुपाल सिंह पूर्व फौजी हैं। उन्होंने बताया कि घटना करीब तीन माह पुरानी है। विगत 18 मार्च को उनके मोबाइल फोन पर कॉल आई, जिसमें कहा गया कि फ्री में फास्टैग बनाया जा रहा है। उन्होंने मना किया तो कहा कि अवसर सीमित समय के लिए है। बातों में फंसा कस्टमर सपोर्ट ऐप उनके मोबाइल में डाउनलोड करा लिया।
उनका मोबाइल और डाटा हैक कर लिया। मोबाइल पर रुपये निकालने का मैसेज आने पर धोखाधड़ी का पता चला। उन्होंने तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर फोन किया। बैंक पहुंच धोखाधड़ी की जानकारी देकर अपना खाता सीज करने की कहा। इसके बाद साइबर सेल जाकर ठगी की जानकारी दी। एक घंटे में तीनों जगह पर समय रहते जानकारी दे दी। साइबर हेल्पलाइन नंबर से उनके पास खाता सीज करने का मैसेज आ गया।
जामतारा में बैठे साइबर अपराधियों ने एक शापिंग मॉल से उनके खाते से टीवी, फ्रिज और वाशिंग मशीन समेत अन्य महंगे इलेक्ट्रानिक उपकरण खरीदे। सभी का 1.87 लाख रुपये का आनलाइन भुगतान किया। कोलकाता में 10 अलग-अलग एटीएम से तीन लाख रुपये उनके खाते से निकाल लिए। दो लाख रुपये आनलाइन दूसरे खाते में स्थानांतरित किए गए। साइबर अपराधियों ने यह सब 10 घंटे में किया। जबकि वह एक घंटे के अंदर सब जगह सूचना दे चुके थे।
पुलिस आयुक्त कार्यालय शिकायत करने आए पूर्व फौजी ने बताया कि तीन महीने बाद भी अभी तक उनके खाते में अभी तक धनराशि नहीं आई, वह चक्कर काट रहे हैं।
जामतारा के जिस पते पर शापिंग मॉल से खरीदी गई वाशिंग मशीन, फ्रिज और टीवी भेजी गई, पुलिस को उस गली और मकान का पता तक मिल गया है। पूर्व फौजी का आरोप है कि जामतारा पुलिस साइबर अपराधियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। आगरा पुलिस की टीम वहां नहीं जा रही है।