Agra News: मामला न्यायालय में विचाराधीन, तत्कालीन चौकी प्रभारी मयंक चौधरी ने कराया कमरा खाली, पीड़िता के भाई ने लगाया आरोप

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पीड़िता के भाई का आरोप तत्कालीन चौकी प्रभारी ने दूसरे पक्ष से पैसा लेकर की कार्यवाही

पीड़िता ने उच्चाधिकारियों को दी लिखित शिकायत, कार्यवाही की मांग

जनपद आगरा:-मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बाबजूद भी तत्कालीन चौकी प्रभारी के द्वारा जबरन दूसरे पक्ष से मिलकर कमरा खाली करा दिया न्यायालय का फैसला आने से पहले ही तत्कालीन चौकी प्रभारी ने अपना फैसला कर दिया पीड़िता करीब 8 वर्षों से अपनी पैतृक जमीन पर रह रही है और अपना गुजारा कर रही है ,लेकिन अब पीड़िता के कमरे पर ताला लगा दिया गया है और सामान को बाहर रख दिया है पीड़िता ने इस संबंध में जिलाधिकारी एंव कमिश्नर आगरा से लिखित शिकायत की है अधिकारियों ने न्याय एंव दोषियों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

जमीन के हिस्सेदार साहब सिंह ने बताया कि थाना एत्माद्दौला के नुनिहाई लिंक रोड पर हमारी पैतृक जमीन है जिसमें हम परिवार बालों का आपसी बंटबारे को लेकर विवाद है इस बंटबारे में पांच भाई और 4 बहनें शामिल हैं यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है अभी न्यायालय से किसी प्रकार का कोई फैसला नहीं हुआ है मेरी एक बहन जशोदा देवी जो कि पिछले 8 वर्षों से पैतृक जमीन के एक कमरे में अपने पुत्र को लेकर निवास कर रही है क्योंकि उसे ससुरालीजनों ने मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया था और वह भी इस पैतृक जमीन से हिस्सा लेने की हकदार है ,लेकिन काफी समय से परिवार के कुछ लोग इस जमीन को लेकर बहन जशोदा देवी को काफी परेशान करते आ रहे हैं ,इसकी कई बार पुलिस से शिकायत भी की गई लेकिन बहन की परेशानी खत्म नहीं हुई अभी कुछ दिनों पहले रामबाग डिविजन के तत्कालीन चौकी प्रभारी मयंक चौधरी ने जबरन जशोदा देवी से कमरा खाली करा दिया पीड़िता के भाई साहब सिंह ने तत्कालीन चौकी प्रभारी मयंक चौधरी पर गम्भीर आरोप लगाए हैं उन्होंने कहा है कि तत्कालीन चौकी प्रभारी ने मारपीट की धमकी देकर गाली गलौज कर द्वितीय पक्ष से रुपए लेकर जबरन कमरा खाली कराकर ताला लगा दिया सामान को बाहर रखबा दिया जब हम सभी ने बोला कि मामला न्यायालय में चल रहा है आप ऐसा क्यों कर रहे हैं तो तत्कालीन चौकी प्रभारी ने कहा कि न्यायालय में तो मामला हमेशा चलता रहेगा मुझे कोई मतलब नहीं है ।

पीड़िता ने रोकर सुनाई आपबीती

रोते हुए पीड़िता जशोदा देवी ने कहा कि मैं पिछले 8 वर्षों से अपने ससुरालीजनों से अलग अपने मायके में अपने पुत्र को लेकर पैतृक संपत्ति के एक कमरे में निवास कर रही हूँ ,मुझे मेरी विधबा भावी काफी समय से परेशान कर रही है उन्होंने कुछ दिन पहले तत्कालीन चौकी प्रभारी मयंक चौधरी से मिलकर जबरन मेरा कमरा खाली करा दिया है मेरे सामान को कमरे से बाहर रख दिया है मैंने जब तत्कालीन चौकी प्रभारी से मना किया तो उन्होंने मुझे महिला पुलिस द्वारा पीटने एंव बन्द करने की धमकी देकर मुझे चुप कर दिया ,मेरे कमरे में ताला लगा दिया गया है मेरा पुत्र काफी समय से बीमार है उसे मिर्गी एंव दौरे पड़ते हैं ।

पीड़िता ने की शिकायत

न्यायालय में मामला विचाराधीन होने के बाबजूद भी तत्कालीन चौकी प्रभारी ने द्वितीय पक्ष से मिलकर जबरन पीड़िता का कमरा खाली कराकर ताला लगा दिया इस संबंध में पीड़िता ने आगरा जिलाधिकारी ,पुलिस कमिश्नर से लिखित शिकायत की है ,पीड़िता को अधिकारियों ने दोषियों पर कार्यवाही एंव न्याय का आश्वाशन दिया है ।

अब देखने बाली बात यह होगी कि उच्चाधिकारियों के द्वारा कब तक पीड़िता को न्याय मिलता है और दोषियों पर कार्यवाही होती है यह तो अब आने बाला समय ही बताएगा ।