Agra News: साइबर ठग का शिकार बन 3.5 लाख गँवा बैठा, पुलिस ने लौटाई रकम तो नहीं रहा खुशी का ठिकाना

Crime

आगरा: साइबर ठगों का शिकार बने युवक ने साइबर सेल में अपने साथ हुई ठगी की शिकायत की थी लेकिन उसे उम्मीद नहीं थी कि उसकी रकम वापस आएगी। जब आईजी रेंज दीपक कुमार ने उसे रकम वापस मिलने के संबंध पत्र दिया तो उसका खुशी से ठिकाना नहीं रहा। उसने साइबर सेल को धन्यवाद ज्ञापित किया।

जानकारी के मुताबिक पीड़ित के साथ दुबई में बैठे साइबर अपराधियों ने आनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 3.5 लाख रुपये ठग लिए। पहले उसे टेलीग्राम आईडी पर लिंक भेजा था। बाद में मुनाफे का लालच देकर एक-एक कर कई बार में रकम जमा करा ली। पीड़ित को अपने साथ ठगी होने की जानकारी हुई तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। पीड़ित ने तुरंत रेंज साइबर सेल में शिकायत की। साइबर टीम ने रकम जमा होने वाले चार खाते खंगाले। उनसे लिंक 55 खातों की जांच की। इसके बाद खातों में जमा रकम फ्रीज कराकर युवक को उसकी रकम वापस कराई। आईजी रेंज दीपक कुमार ने उसे रकम के संबंध पत्र दिया तो उसका खुशी से ठिकाना नहीं रहा। उसने साइबर सेल को धन्यवाद ज्ञापित किया।

बल्केश्वर निवासी सूरज गुप्ता निजी कंपनी में कार्यरत हैं। उन्होंने 5 फरवरी को आईजी रेंज दीपक कुमार से शिकायत की। बताया कि टेलीग्राम आईडी पर एक लिंक भेजा गया था। उन्होंने लिंक पर क्लिक कर दिया। इसमें एक कंपनी की साइट थी, जिसमें ऑनलाइन ट्रेडिंग में मुनाफे का लालच दिया गया था। वह झांसे में आ गया। उससे एक-एक करके 3.5 लाख रुपये अलग-अलग चार खातों में जमा करा लिए। मगर, मुनाफा नहीं हुआ। इस पर उसने रकम वापस करने के लिए कहा। मगर साइबर अपराधियों की आईडी बंद हो गई। इसके बाद आईजी ने रेंज साइबर सेल को जांच दी।

रेंज साइबर क्राइम यूनिट के प्रभारी शैलेश कुमार सिंह, एएसआईएम विशाल शर्मा, मुख्य आरक्षी सुशील कुमार, गौरव सिंह, आदित्य कुमार ने जांच की। प्रभारी ने बताया कि सूरज ने चार खातों में रकम जमा कराई थी। एक खाता कमला नगर की एक बैंक की शाखा का था। खाता संजय प्लेस के पते की फर्म के नाम पर खोला गया था। पुलिस ने फर्म की जानकारी ली। मगर, फर्म का पता नहीं मिला। खाते खोलने के लिए जांच करने वाले ने भी फर्जीवाड़ा किया था। जांच के दौरान बैंक का कर्मचारी छलेसर में था। एक के बाद एक कई खातों में रकम गई थी। पुलिस ने गुजरात, दिल्ली और राजस्थान की बैंकों के कई खातों को चेक किया। 55 खातों की जांच करने के बाद रकम को फ्रीज कराया गया। दो महीने की कवायद के बाद रकम वापस हुई।

रेंज साइबर सेल प्रभारी शैलेश सिंह ने बताया कि साइबर ठगी दुबई से हो रही है। इसके लिए फर्जी कागजात पर आनलाइन खाते खोले जा रहे हैं। फर्जी सिम भी लिए जाते हैं। रकम जमा होने के बाद खाते बंद कर दिए जाते हैं। उनसे रकम निकाल ली जाती है। इसके बाद दूसरे खातों में ट्रांसफर कर ली जाती है। यह भी पता चला कि भारत में खाता खोलने के बाद साइबर ठग दुबई में बैठकर एटीएम से रकम निकाल रहे हैं। इस पर पुलिस टीम पड़ताल में लगी है। उन्होंने लोगों से कहा कि अंजान नंबर से आने वाले लिंक के झांसे में नहीं आएं। साइबर ठगी होने पर जितनी जल्दी पुलिस के पास आएंगे, उतनी जल्दी राहत मिलने की उम्मीद होती है।