आगरा: शहर की एक पैथोलॉजी लैब ने लापरवाही बरतते हुए एक स्वस्थ वे युवक को एचआईवी पाजिटिव की रिपोर्ट थमा दी। पॉजिटिव रिपोर्ट देख युवक तनाव में आ गया। वह तीन महीने तक तनाव में रहा। रिपोर्ट के कारण शादी तक रुक गई। तीन महीने बाद युवक ने जब दो अन्य लैब में जांच कराई तो पता चला कि वह सामान्य है और उसकी एचआईवी रिपोर्ट निगेटिव है। युवक की शिकायत पर उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने वादी को पांच लाख रुपये देने का आदेश लैब संचालक को दिया है।
शमसाबाद रोड पर एकता चौकी के पास रहने वाले नरेंद्र कुमार ने नवंबर 2015 में इन्होंने उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद प्रस्तुत किया था। इसमें उन्होंने मेडी चैक पैथोलॉजी के संचालक को पक्षकार बनाया। वादी के अनुसार उसने 21 मार्च, 2015 को लैब में चार प्रकार की जांच कराई। लैब ने अपनी रिपोर्ट में उनका ब्लड ग्रुप बी निगेटिव, टीएलसी 12000 और एचआईवी प्रथम और द्वितीय रिपोर्ट को पॉजिटिव बताया।
वादी नरेंद्र कुमार के अनुसार लैब द्वारा गलत रिपोर्ट देने से उसे मानसिक आघात लगा और उसकी शादी तक रुक गई। उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा और कारोबार प्रभावित हुआ। वह तीन महीने तक तनाव में रहा। इसके बाद जून 2015 में विजन पैथोलॉजी और डॉ. पंकज पैथ लैब में अपनी जांच कराई तो यहां एचआईवी रिपोर्ट निगेटिव आई। ब्लड ग्रुप भी बी निगेटिव की जगह ए बताया गया। वादी ने अपनी शंका को खत्म करने के लिए अगस्त 2015 में जिला अस्पताल में भी जांच कराई जहां से भी एचआईवी रिपोर्ट निगेटिव दी गई।
आयोग के अध्यक्ष सर्वेश कुमार और सदस्य डा. अरुण कुमार ने लैब संचालक को वादी को पांच लाख रुपये देने के आदेश दिए। साथ ही वाद व्यय के रूप में खर्च दस हजार रुपये दिलाने और वादी की जांच के नाम पर ली गई फीस को लौटाने को कहा।
Compiled: up18 News
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