Agra News: पुलिस ने देश-विदेश में दस करोड़ रुपये की ठगी करने वाले तीन साइबर ठग दबोचे

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आगरा: साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने में जुटी आगरा पुलिस और साइबर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। थाना पुलिस और साइबर पुलिस ने तीन शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। अभी तक यह अपराधी 10 करोड़ की ठगी कर चुके हैं। इस पूरी घटना का खुलासा डीसीपी सिटी सूरज राय ने प्रेसवार्ता के दौरान किया। पुलिस ने कानूनी कार्यवाही कर तीनों को जेल भेज दिया है

इंस्टाग्राम – टेलीग्राम से फैलाया जाल

डीसीपी सिटी ने बताया कि साइबर अपराधियों ने इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर लोगों को फंसाने के जाल बिछाकर रखा था। उन्होंने इसके लिए फर्जी इंस्टाग्राम और टेलीग्राम एकाउंट बनाया, साथ ही फर्जी जीमेल भी चला रहे थे। इन फर्जी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर क्रिप्टोकरेंसी में 40 से 80 प्रतिशत तक का लाभ देने की बात कह कर उनको अपने जाल में फसा लेते थे। जो लोग लालच में आ जाते थे उनसे पैसा ट्रांसफर कराकर उस अकॉउंट को बंद कर देते थे। फिर उसे अपने एकाउंट में ट्रांसफर कर ठगी वारदात को अंजाम देते थे।

एजेंटों और गैंग सरगना के बीच थी पार्टनरशिप

डीसीपी सीटी ने बताया कि इस पूरे गैंग को अमन नाम का युवक चला रहा था। उसने यह तकनीक उत्कर्ष नाम के युवक से टेलीग्राम के माध्यम से सीखी थी। उसके साथ लगभग 40 लोगों ने यह सीखा था। अमन के साथ जो दो एजेंट है सम्राट और यशवीर, यह दोनों मास्टर माइंड अमन के कॉलेज फ्रैंड हैं। सम्राट और यशवीर सोशल मीडिया से ठगी के लिए लोगों को चिन्हित किया करते थे। अमन ने दोनों के साथ इस जालसाजी का कार्य शुरू किया और दोनों को 50% की पार्टनरशिप की। जो भी क्लाइंट इनके माध्यम से फंसता था उसके लिए वो उन्हें 50 प्रतिशत तक रकम देता था।

Dreamers Cart नाम की कम्पनी का करते थे इस्तेमाल

सामने वाले व्यक्ति को उनकी बात पर भरोसा हो इसके लिए उन्होंने Dreamers Cart नाम की कम्पनी का नाम इस्तेमाल करते थे। इस नाम के सहारे उन्होंने देश विदेश के लोगों को अपनी जाल में फंसाया और ठगी की। अब तक लगभग 10 करोड़ की ठगी सामने आ चुकी है जांच पड़ताल अभी जारी है।

शातिरों ने फर्जी और जालसाजी को अंजाम देने के लिए फर्जी सोशल अकाउंट बना रखे थे। पुलिस और साइबर टीम जब जांच पड़ताल की तो लगभग 9 जीमेल, 55 फेक इंस्टाग्राम अकाउण्ट, 1 फर्जी टेलीग्राम अकाउंट के बारे में पता चला। पुलिस ने संबंध ने मेटा और गूगल से भी संपर्क साधा है। सभी में इन शातिर अपराधियों की ही आईडी लगी हुई थी। फिलहाल सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर जेल भेजा जा रहा है।