आगरा में 9 साल पहले हुई महिला की हत्या और लूटपाट की वारदात के दो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। दोषियों ने महिला के पालतू कुत्ते की भी जान ले ली थी। खास बात यह है कि कुत्ते के हमले से चोट के निशान और तोते की गवाही से पुलिस हत्यारों तक पहुंची थी। महिला की हत्या करने वाला एक दोषी महिला का भांजा है।
घटना 21 फरवरी 2014 की है। आगरा के एक अखबार स्वराज्य टाइम्स के संपादक विजय शर्मा परिवार के साथ शादी समारोह में फिरोजाबाद में गए थे। उनकी पत्नी नीलम घर पर अकेली थीं। रात में बदमाशों ने घर में घुसकर उनकी हत्या कर दी और गहने-नकदी लूटकर फरार हो गए। तब पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था।
विजय शर्मा के घर में एक पालतू तोता था। घटना के बाद से तोता उदास रहने लगा। घर वालों को शक हुआ, तो उन्होंने तोते के सामने कई लोगों का नाम लेना शुरू किया। जैसे ही उन्होंने विजय शर्मा के रिश्ते के भांजे आशुतोष गोस्वामी उर्फ आशु का नाम लिया, तो तोता जोर-जोर से चिल्लाने लगा। उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी थी।
पुलिस ने आशु को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। जांच में पुलिस को आशु के शरीर पर कुत्ते के काटने और चोट लगने के निशान मिले। जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने अपने दोस्त रोनी मेस्सी के साथ मिलकर नीलम शर्मा की हत्या की बात कबूल कर ली।
वकील ने बताया जिस आशुतोष गोस्वामी को नीलम अपने बेटे की तरह मानती थीं। उसी ने उनकी हत्या कर दी। नीलम का सिर्फ एक बेटा था। वह मानसिक विक्षिप्त था। आरोपी आशुतोष की कुछ गलत आदतों को देखकर उसके घर आने पर रोक लगा दी गई थी, जिस कारण वह नाराज चल रहा था और नीलम की हत्या कर दी।
विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र ने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक शर्मा एवं एडीजीसी आदर्श चौधरी के तर्क पर आरोपियों को दोषी पाते हुये आजीवन कारावास एवं 72 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया।
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