शहर की सफाई, सड़कों से अधिक आगरा नगर निगम को मूर्तियों और नामकरण की चिंता

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कार्यकारिणी ने कई प्रस्ताव पारित किए, बंदरों की नसबंदी के लिए लखनऊ से धन मांगेंगे

आगरा। नगर निगम के चुनाव भले ही बेहद नजदीक आ गए हों, लेकिन निगम कार्यकारिणी को शहर की सफाई, सड़कों से अधिक चिंता क्षेत्रों के नामकरण और मूर्तियां या स्तंभ लगवाने की है।

अधिकांश शहर में सड़कों का हाल-बेहाल है। आज हुई आधे घंटे की बारिश में कई नाले बैक मारने लगे। निचले इलाकों में पानी भर गया। नगर निगम ने सड़कों की मरम्मत कराने के बजाय सीवर आदि के नाम पर अच्छी खासी सड़कों को खोद दिया है। शास्त्रीपुरम में मेयर के नए निवास के निकट की अच्छी भली सड़क को कई स्थानों पर खोद कर छोड़ दिया गया है।

उम्मीद थी कि चुनावी मौसम में नगर निगम कार्यकारिणी शहर को दुरुस्त करने के उपाय करेगी, लेकिन बुधवार को हुई कार्यकारिणी की बैठक में नगर निगम की मूल बिल्डिंग के पीछे खाली जमीन पर नवीन सदन का निर्माण किये जाने एवं इस निर्माण में आने वाले खर्च से जुड़ा प्रस्ताव लाया गया। भूतल सहित तीन मंजिला इस नवीन सदन में लगभग 300 लोगों के एक साथ बैठने की क्षमता होगी। इसके निर्माण में लगभग 25 करोड़ का खर्च आएगा। इस प्रस्ताव को वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति के लिए सर्वसम्मति से पास किया गया।

पार्षद नेहा गुप्ता ने बैठक में प्रस्ताव रखा कि वर्तमान में शहर में माथुर वैश्य समाज का कोई प्रतीक चिन्ह व स्तंभ स्थापित नहीं है। इसलिए कमला नगर अथवा बलकेश्वर क्षेत्र में किसी चौराहे पर माथुर वैश्य समाज का एक स्तंभ स्थापित किया जाए। सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास किया गया।

पार्षद नेहा गुप्ता ने दूसरा प्रस्ताव रखा कि पुरानी विजय नगर कॉलोनी में विजय क्लब रोड एवं चौराहा का नाम राम बाबू बंसल के नाम से रखा जाए। सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित किया गया।

कार्यकारिणी के उपसभापति कर्मवीर सिंह ने प्रस्ताव रखा कि शास्त्रीपुरम चौराहा पर कायस्थ समाज के गौरव व श्री चित्रगुप्त के वंशज पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा स्थापित की जाए। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया।

पार्षद कर्मवीर ने दूसरा प्रस्ताव रखा कि यमुना किनारा मोड़ से फाटक सूरजभान होते हुए सेक्सरिया गर्ल्स स्कूल रोड का नाम समाजसेवी व मथुराधीश मंदिर के महंत स्वर्गीय हरि मोहन श्रोत्रिय के नाम से नामकरण किया जाए। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया।

पार्षद अमित ग्वाला ने प्रस्ताव रखा कि पालीवाल पार्क स्थित जॉन्स लाइब्रेरी का नाम लोकतंत्र सेनानी एवं महान राष्ट्र भक्त अधीश के नाम पर रखते हुए श्री अधीश पुस्तकालय किया जाए। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया।

पार्षद सुषमा जैन ने प्रस्ताव रखा कि जयपुर हाउस स्थित आलोक नगर बी चौराहा का नाम धर्म, आध्यात्मिक, ज्योतिष एवं शिक्षा जगत के अग्रणी और संस्कृत मनीषी स्वर्गीय डॉक्टर चंदन लाल पाराशर के नाम से नामकरण किया जाए। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया।

पार्षद मोहन शर्मा ने प्रस्ताव रखा कि पिछले 43 वर्षों से शहर में निकलने वाली वीरांगना झलकारी बाई शोभायात्रा के व्यय हेतु नगर निगम द्वारा दिए जाने वाले ₹40 हज़ार के अनुदान राशि को बढ़ाया जाए। कार्यकारिणी की सर्वसम्मति से इस अनुदान को बढ़ाकर ₹50 हज़ार कर प्रस्ताव को पारित किया गया।

शहर में बढ़ते बंदरों के उत्पात को देखते हुए इस समस्या के समाधान हेतु बंदरों की नसबंदी का प्रस्ताव लाया गया। दस हज़ार बंदरों की नसबंदी के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा 3.48 करोड़ की धनराशि व्यय का प्रपोजल रखा गया। इस व्यय राशि के लिए शासन से स्वीकृति जरूरी है। इसलिए बंदरों के उत्पात से निजात पाने के लिए शहरहित में सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को सदन से अनुमोदित कराकर शासन को भेजने हेतु पास किया गया।

महापौर नवीन जैन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में नगर आयुक्त निखिल टी फुंडे समेत अनेक अधिकारी भी उपस्थित रहे।

-up18news