आगरा: दबंगों ने रंजिशन झोपड़ी में लगाई आग, परिवार को जिंदा जलाने का आरोप

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आगरा जनपद के थाना मंसुखपुरा क्षेत्र के अंतर्गत गांव करकौली में रंजिशन दबंगों ने महिला की रिहायशी झोपड़ी में आग लगा दी, जिससे हजारों का सामान जलकर राख हो गया तो वही परिवार के लोग जिंदा जलने से बाल-बाल बच गए। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं होने पर पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाया है।

जानकारी के अनुसार लाडो देवी पत्नी प्रेम सिंह निषाद निवासी गांव करकौली थाना मनसुखपुरा का आरोप है कि शनिवार की रात वह घर के पास रखी रिहायशी झोपड़ी में अपने 5 छोटे बच्चों तीन पुत्रियां एवं दो पुत्रों के साथ सो रही थी। देर रात को करीब 2:00 बजे गांव के ही पड़ोसी दबंग काशीराम, एवं गिर्राज शराब के नशे में आए और गाली गलौज करने लगे। जिस पर महिला ने जाकर इसका विरोध किया तो उक्त लोगों ने दबंगई दिखाते हुए अभद्रता करते हुए मारपीट कर दी। और परिवार को जिंदा जलाने के लिए झोपड़ी में आग लगा दी। चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर परिवार के अन्य लोग जाग गए। जिन्हें आता देख उक्त दबंग धमकी देकर मौके से भाग गए। आनन-फानन में परिवार के अन्य लोगों ने समय रहते महिला और बच्चों को सुरक्षित झोपड़ी से बाहर निकाला आग में परिवार के लोग जिंदा जलने से बाल-बाल बच गए और बाल्टियों से भरकर आग पर पानी डालकर बमुश्किल आग पर काबू पाया तब तक रिहायशी झोपड़ी में रखा 5 कुंटल गेहूं अनाज, 5 बोरा आलू सहित चारपाई कपड़े, एवं 11 हजार रुपए की नकदी जलकर राख हो गई।

घटना को लेकर पीड़ित महिला और परिजनों ने पुलिस कंट्रोल रूम डायल 112 पर मामले की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जानकारी ली। पीड़ित महिला के मुताबिक दबंगों के डर से परिवार दहशत में है। और वह अपने परिवार को असुरक्षित मान कर चल रही है।

रविवार को सुबह पीड़ित महिला लाडो मनसुखपुरा थाने पहुंची आरोप है कि दबंगों के खिलाफ पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की गई जिस पर उल्टा पुलिस ने उसको हड़काया और थाने से बाहर निकाल दिया। पीड़िता ने पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए उच्चाधिकारियों से शिकायत कर कार्रवाई कराने की बात कही है।

इसी संदर्भ में थानाध्यक्ष मंसुखपुरा गिरीश कुमार राजपूत का कहना कि महिला के पति के खिलाफ छेड़छाड़ का थाने में मुकदमा दर्ज है। झोपड़ी में स्वयं आग लगाकर दबाब बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

रिपोर्टर: नीरज परिहार