दो साल बाद यूपी की जेलों में धूमधाम से मनाया जाएगा जन्माष्टमी महोत्सव, बंदी बनेंगे राधा-कृष्ण

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आगरा: द्वापुर युग के अवतारी भगवान श्री कृष्ण का जन्म जेल के अंदर हुआ था। यही वजह है कि कृष्ण जन्माष्टमी महापर्व को लेकर जेल में विशेष तौर पर सजावट की जाती है। मगर कोरोना काल के चलते पिछले दो वर्ष से जेल के अंदर कृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami) महापर्व पर कोई भी आयोजन नहीं हुआ था। कोरोना के चलते इस वर्ष यानी कोरोना काल के दो साल बाद जेलो के अंदर विशेष तौर पर कृष्ण जन्माष्टमी महापर्व मनाने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

उप महानिरीक्षक जेल वी के सिंह का कहना है कि कोरोना का ध्यान रखते हुए रेंज की सभी आठ जेलों के जेल अधीक्षकों और जेल प्रशासन को जहां धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी महापर्व मनाने के दिशा निर्देश दिए गए हैं तो वहीं कोरोना का भी ध्यान रखने का दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

डीआईजी जेल वीके सिंह ने बताया कि दो साल बाद रेंज की आठ जिलों में कृष्ण जन्माष्टमी महापर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है।

आगरा के केंद्रीय कारागार में 1600 बंदी है। जन्माष्टमी महापर्व पर कृष्ण जन्माष्टमी महापर्व पर महिला और पुरुष बंदी जहां कृष्ण और राधा के स्वरूपों में नजर आएंगे तो वहीं जेल के अंदर मौजूद मंदिरों पर भी विशेष तौर पर सजावट की जाएगी।

कोरोना से पहले जेल के अंदर कृष्ण जन्माष्टमी महापर्व को लेकर आम जनमानस को झांकियां और स्वरूपों को देखने की इजाजत थी। डीआईजी जेल बी के सिंह ने बताया कि इस बार कोरोना के चलते जेल के अंदर होने वाली सजावट और जेल के अंदर बनने वाली झांकियों को आम जनमानस नहीं देख सकेगा।


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